रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के आह्वान पर 10 मार्च की सुबह 6 बजे से प्रदेश के पेट्रोल पंपों पर हड़ताल शुरू हो गई है। पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी की मांग को लेकर ये हड़ताल की जा रही है। हड़ताल 12 मार्च सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। प्रदेश में पेट्रोल पंप हड़ताल का मिला-जुला असर देखा गया। जयपुर, जोधपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, पाली, उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, जालोर, झुंझुनू, राजसमंद, सिरोही, चूरू में पेट्रोल पंप बंद रहे, वहीं जैसलमेर, अलवर, कोटा, बाड़मेर, अजमेर, टोंक, धौलपुर सहित कई जिलों में हड़ताल का असर नहीं दिखा।
कई जिलों के पेट्रोल पंप संचालक हड़ताल में शामिल नहीं हुए। जोधपुर, कोटा, टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर, जैसलमेर, अलवर, उदयपुर, बाड़मेर समेत 15 जिलों में पेट्रोल पंप खुले हैं। सीकर जिले में केवल एक दिन की हड़ताल है। बंद पेट्रोल पंपों पर इमरजेंसी सर्विस से जुड़े वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन में डीजल और पेट्रोल नहीं भरा जा रहा। जयपुर सहित इंटर स्टेट बॉर्डर वाले जिलों में हड़ताल का अधिक असर है। यहां से लोग यूपी, हरियाणा में पेट्रोल-डीजल भरवाने जा रहे हैं। वहीं हड़ताल से सरकार को डेली 35 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल आनंद का कहना है कि पंप संचालकों की मांग जायज है। जिस तरीके से दूसरे राज्यों के बॉर्डर से लगने वाले पंप बंद हो रहे हैं, ऐसे में दूसरे प्रदेशों की तरह राजस्थान में भी पेट्रोल-डीजल पर सरकार वैट कम करे। हमारे सारे कमर्शियल वाहन सड़कों पर चलते हैं। पेट्रोल-डीजल का कंजंप्शन सबसे ज्यादा हमारे व्हीकल्स में होता है, इसलिए हमें ज्यादा सस्ता पेट्रोल जहां मिलेगा हम पेट्रोल-डीजल भी वहीं से लेंगे। राजस्थान में पेट्रोल पंप बंद हैं, इसका असर यहां से दूसरे राज्यों में जाने वाली गाड़ियों के साथ अन्य जिलों से आ रही गाड़ियों पर दिख रहा है।
रविवार को डीलर्स की सरकार से हुई वार्ता बेनतीजा रही। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की सचिवालय में उद्योग मंत्री राज्यवर्धधन सिंह राठौड़ से वार्ता हुई। वार्ता में कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन वैट कम करने का फैसला मुख्यमंत्री स्तर पर ही संभव। ऐसे में अब मुख्यमंत्री स्तर पर दूसरे दौर की वार्ता हो सकती है। धौलपुर पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सचिव जयंत मोदी ने कहा कि पूरे देश में एक बात कही जाती है कि मोदी की गारंटी पूरी होती है। वे चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गारंटी देकर गए थे कि राजस्थान की रेटों को पड़ोसी प्रदेशों के बराबर करवाएंगे। हम उसी विश्वास में हैं कि मांग पूरी होगी। वे विश्वास तोड़ेंगे तो हड़ताल करेंगे। सीकर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आनंद सिहोटिया ने बताया कि पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी और संचालकों का कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर पिछली सरकार में भी हड़ताल की थी। आश्वासन दिया गया था कि समीक्षा करके उनकी दरों में कमी की जाएगी। अब भाजपा की सरकार आ चुकी है, जिन्हें सत्ता संभाले हुए 3 महीने का समय बीत चुका है। लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संदीप कुमार भगेरिया ने बताया कि प्रदेश में कई पेट्रोल पंप बंद हैं। कुछ पेट्रोल पंप खुले हैं, ताकि लोगों को असुविधा ना हो। लेकिन जो पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं, उससे सरकार को एक दिन में लगभग 35 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं अगर पूरे प्रदेश में एक दिन में पेट्रोल कारोबार की बात करें तो 120 से 130 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा।
राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत व डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट है, जबकि पड़ोसी मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 29 प्रतिशत व डीजल पर 19 प्रतिशत, पंजाब में पेट्रोल पर 13.77 प्रतिशत व डीजल पर 9.92 प्रतिशत, हरियाणा में पेट्रोल पर 18.22 प्रतिशत व डीजल पर 16 प्रतिशत, यूपी में पेट्रोल पर 19.36 प्रतिशत व डीजल पर 17.08 प्रतिशत, गुजरात में पेट्रोल पर 13.70 प्रतिशत व डीजल पर 14.90 प्रतिशत, दिल्ली में पेट्रोल पर 19.40 प्रतिशत व डीजल पर 16.75 प्रतिशत वैट लगता है।
इस तरह देखें तो हमारे पड़ोसी राज्यों में राजस्थान की तुलना में डीजल और पेट्रोल सस्ता बिक रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे जिलों में पड़ रहा हैं। पड़ोसी प्रदेशों में वैट कम होने से ज्यादातर वाहन दूसरे स्टेट से डीजल और पेट्रोल भरवा लेते हैं। ऐसे में स्थानीय पंप को काफी नुकसान हो रहा है। बढ़े हुए वैट की वजह से पेट्रोल पंप संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है। पिछले 7 साल से डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसकी वजह से राजस्थान में ज्यादातर पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। प्रदेश में लगभग 5,800 पेट्रोल पंप हैं।