मुख्यपृष्ठसमाचारअमनमणि पूर्वांचल में भाजपा का ब्राह्मण वोट बैंक तोड़ेंगे!

अमनमणि पूर्वांचल में भाजपा का ब्राह्मण वोट बैंक तोड़ेंगे!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और नौतनवा सीट से पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। माना जा रहा है कांग्रेस उन्हें महाराजगंज सीट से मैदान में उतार सकती है। ऐसा हुआ तो पूर्वांचल के ब्राह्मण वोटों पर भाजपा का एकाधिकार खंडित हो सकता है। अविनाश पांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमनमणि त्रिपाठी के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए कहा कि नौतनवा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की न्याय की लड़ाई में भरोसा जताते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। अमनमणि त्रिपाठी को बीते साल पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया था। माना जा रहा है कि कांग्रेस अमनमणि को महाराजगंज लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है। समाजवादी पार्टी के साथ हुए गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में आई हैं। अमनमणि यूपी सरकार में मंत्री रह चुके अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी ठहराया गया था। त्रिपाठी परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा हुआ है और महाराजगंज में उनका काफी असर है। उनके कांग्रेस में शामिल होने से इलाके का सियासी गणित काफी बदल जाएगा।
अमनमणि त्रिपाठी ने पहली बार साल 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नौतनवा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस के कुंवर कौशल किशोर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वो साल 2015 में सुर्खियों में आए, जब एक सड़क हादसे में उनकी पत्नी सारा की मौत हो गई। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हो गई, जिसके बाद 2017 में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। अमनमणि पर पत्नी की हत्या का आरोप लगा था, जिसके चलते सपा ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वो 2017-2022 तक महाराजगंज की नौतनवा सीट से विधायक रहे। इसके बाद वो मायावती की पार्टी बीएसपी में शामिल हो गए और 2022 में उन्होंने बीएसपी की टिकट पर चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यूपी निकाय चुनाव के दौरान बीएसपी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया। अमनमणि को महाराजगंज से टिकट दिए जाने की चर्चा है। हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत को भी दावेदार के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन दिल्ली रहने के कारण वह क्षेत्र को उतना समय नहीं दे पायीं जितना देना था। पिछले लोकसभा 2019 के चुनाव में उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था।

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