मुख्यपृष्ठस्तंभबकलोली : चेहरे पर अंडरवियर

बकलोली : चेहरे पर अंडरवियर

श्रीकिशोर शाही

यह शीर्षक पढ़कर आप निश्चित ही चौंक गए होंगे कि आखिर ये माजरा क्या है? अंडरवियर तो भीतर और कमर में पहननेवाली चीज है। इसे लोग चेहरे पर भला क्यों पहन रहे हैं? पर वो कहते हैं कि आज के युग में उटपटांग हरकत करना एक पैâशन बन गया है। पर पैâशन और बकलोली में फर्क है। अब अगर कोई अपने चेहरे पर अंडरवियर पहनेगा तो उसे बकलोली ही कहेंगे। अमेरिका के मिसोरी सिटी म्यूजिमय द्वारा सेंट लुइस एरिया कोड के लिए ये टास्क रखा गया है। इसके तहत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रेक करने की भी कोशिश होगी। यानी मुंह पर अंडरवियर पहनने का काम पहले भी हो चुका है। १४ मार्च के इस मिशन के लिए कम से कम ३१४ लोगों को जुटाया जा रहा है। इस बारे में म्यूजियम के एक अफसर का कहना है कि रिकॉर्ड तोड़ने के लिए २७१ लोग ही काफी हैं, लेकिन हमारी कोशिश है कि ३१४ लोग यहां आएं और अपनी एकजुटता जाहिर करें। इस दिन की याद दिलाने के लिए म्यूजियम ने एक बड़ी सी अंडरवियर भी डिस्प्ले में लगाई है।
प्लीज, मुझे नंबर दे दो
सोशल मीडिया पर आए दिन छात्रों की परीक्षा के आंसर शीट वायरल होते रहते हैं। इनमें काफी दिलचस्प व उटपटांग बातें लिखी रहती हैं। इसका प्रमुख कारण होता है कि साल भर बच्चे पढ़ते-लिखते नहीं हैं और जब परीक्षा आती है तो उनके हाथ-पांव फूल जाते हैं। इन दिनों परीक्षा में कई जगहों पर कड़ाई भी बरती जा रही है, जिससे नकल करना आसान नहीं रह गया है। अब जो विद्यार्थी नकल के भरोसे रहेगा, जब कड़ाई से परीक्षा ली जाएगी तो यह सोचने की बात है कि वह वहां आंसर शीट में क्या लिखेगा। सोशल मीडिया पर हाल ही में एक नया आंसर शीट वायरल हुआ है। इसमें एक विद्यार्थी ने एक अजीब सी बात लिखी है। यह वायरल आंसर शीट बोर्ड परीक्षा की है। इस आंसर शीट में १२वीं कक्षा की छात्रा ने टीचर से पास करने की गुजारिश की है। इस छात्रा ने आंसर शीट में पिता की मौत का हवाला देते हुए लिखा है, ‘मेरा ये बोलना बहुत जरूरी है, मुझे पता है कि आप सबको मेरी बातों पर यकीन नहीं होगा, सर मेरे पापा डेथ कर गए हैं, दस दिन हुआ है और मेरी कुछ पढ़ाई भी नहीं हुई है और ऊपर से तबियत भी ठीक नहीं है, फिर भी एग्जाम देने आई हूं। प्लीज सर नंबर दे दीजिएगा, प्लीज सर मेरा कंडीशन बहुत खराब है, मुझे आशा है कि समझेंगे सर।’ अब इस छात्रा को कौन समझाए कि इस तरह से बकलोली करने से नंबर नहीं मिला करते। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि इस तरह की बहानेबाजी काम नही आती, इसके लिए पढ़ना पड़ता है।

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