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झांकी : जौनपुर की जंग

अजय भट्टाचार्य

भाजपा ने जौनपुर सदर लोकसभा सीट से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को टिकट देकर स्थानीय टिकटार्थियों को निराश कर दिया है, जिसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ सकता है। इस सीट पर भाजपा का टिकट चाहने वालों में उद्योगपति ज्ञान प्रकाश सिंह, पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह, पूर्व सांसद एवं पूर्व प्रत्याशी डॉ. के.पी. सिंह, डॉ. हरेंद्र सिंह, शतरुद्र प्रताप सिंह, डॉ. क्षितिज शर्मा तथा दल बदलकर टिकट चाहने वाले कुंवर वीरेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक सुषमा पटेल सहित कई अन्य दावेदारों के नाम शामिल थे। ज्ञान प्रकाश सिंह ने २०२० कोरोना काल से ही लगातार लोगों की सेवा करके, राम मंदिर में भारी-भरकम चंदा देकर और जौनपुर में शांतनु महाराज की राम कथा के माध्यम से माहौल बनाने का भरपूर प्रयास किया। दूसरी तरफ पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह ने जनपद में मुंबई से पोर्न स्टार सनी लियोनी समेत विभिन्न सेलिब्रिटी को बुलाकर विभिन्न कार्यक्रम करके लोगों में अपना प्रभाव स्थापित करने का प्रयास किया। युवाओं को प्रेरित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर मोटरसाइकिल व स्कूटी वितरित की। अयोध्या में लोगों को दर्शन के लिए निषाद रथ चलवाया। किसानों के लिए किसान रथ आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम करके लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने का प्रयास किया। नेताओं ने जमीनी स्तर पर काम किया लेकिन उनके हाथ मायूसी ही लगी। काफी नेताओं ने जौनपुर से लेकर दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान के मठाधीशों की परिक्रमा की लेकिन सफलता नहीं मिली। उधर कृपाशंकर सिंह पर प्रधानसेवक की कृपा बरसी और उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। कृपाशंकर सिंह का महाराष्ट्र की राजनीति में उत्तर भारतीयों पर काफी प्रभाव है, किंतु जौनपुर की राजनीति में अभी तक उन्हें कोई विशेष सफलता नहीं मिली थी। उनके भाई श्यामराज सिंह एक बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं।

कांग्रेसयुक्त भाजपा
राजनीति ‘सुविधा की कला’ है। नेताओं के तरीके भी अजीब हैं। वे प्रकाश से भी तेज गति से अपने तरीके और विचारधारा बदलते हैं। हाल ही में कांग्रेस के कई वरिष्ठ और समर्पित नेता पाला बदलकर भाजपा का झंडा-डंडा थाम चुके हैं, जिनमें गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेसी अर्जुन मोढवाडिया से लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी शामिल हैं। मोढवाडिया ने भाजपा में शामिल होने के समारोह में प्रधानसेवक मोदी और अमित शाह की जमकर तारीफ की। ठीक एक सप्ताह पहले मोढवाडिया प्रधानसेवक को पानी पी-पीकर कोस रहे थे। अर्जुन भाई ने एक कदम आगे बढ़कर पोरबंदर जिले को कांग्रेसमुक्त कर दिया। अगले दिन उन्होंने बड़े गर्व से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि युवा कांग्रेस समेत उनके जिले के सभी पदाधिकारी भाजपा में शामिल हो गए हैं, तो पोरबंदर कांग्रेसमुक्त है। हालांकि, रूपक यह है कि भाजपा कांग्रेसयुक्त होती जा रही है।

हरियाणा में घमासान
हरियाणा में भाजपा और जजपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सियासत गरमाई हुई है। जजपा दो सीटें मांग रही है, लेकिन भाजपा ने अभी तक स्थिति साफ नहीं की है। दुष्यंत चौटाला दो टूक शब्दों में दो सीटें नहीं मिलने पर सभी १० सीटों से उम्मीदवार खड़े करने की बात कह चुके हैं। जजपा १० लोकसभा सीटों में से हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटें भाजपा से मांग रही है। हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में अब देखना यह होगा कि भाजपा गठबंधन धर्म निभाती है या नहीं? बृजेंद्र सिंह ने मौके की नजाकत को देखते हुए भाजपा छोड़ दी है। बृजेंद्र सिंह और बीरेंद्र सिंह के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने की पटकथा कई महीनों से लिखी जा रही थी, जिसको अंजाम अब दिया गया। दोनों की कांग्रेस में वापसी उनके नजदीकी रिश्तेदार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने करवाई है, जिन्होंने दोनों के साथ कई बैठकें भी की। राहुल गांधी से भी दोनों की बैठक कराई गई थी। दोनों को अपनी लोकसभा चुनाव २०२४ का टिकट कटने का डर था, जबकि बीरेंद्र सिंह चाहते थे कि भाजपा जजपा के साथ गठबंधन छोड़ दे। लेकिन दाल गलती न देखकर उन्होंने कांग्रेस में जाने का रास्ता चुना है। कांग्रेस में भी घमासान मचा हुआ है। हरियाणा की सभी १० लोकसभा सीटों के लिए ३२६ नेताओं ने दावेदारी ठोकी हुई है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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