मुख्यपृष्ठसमाचारसीएए लागू होने पर भड़का विपक्ष!

सीएए लागू होने पर भड़का विपक्ष!

– कहा, चुनाव से पहले ध्रुवीकरण का प्रयास

– कांग्रेस ने टाइमिंग पर उठाए सवाल

– ममता नहीं करेंगी बंगाल में लागू

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

देश में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून को लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। मोदी सरकार के इस पैâसले का एक ओर जहां बीजेपी ने स्वागत किया है, तो वहीं विपक्षी पार्टियां विरोध पर उतर आई हैं। कांग्रेस ने तो इसे लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की ध्रुवीकरण को कोशिश करार दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘दिसंबर, २०१९ में संसद द्वारा पारित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल पेशेवर और समयबद्ध तरीके से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए के नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार समयसीमा बढ़ाने की मांग के बाद इसकी घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। रमेश ने दावा किया, ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव में ध्रुवीकरण करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह चुनावी बॉण्ड घोटाले पर उच्चतम न्यायालय की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कानून महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के विचार पर आधारित है। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि सीएए कानून मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बना देगा। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चेतावनी दी कि यह कदम कई लोगों को फिर से विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर करेगा।
चुनाव से पहले नहीं चाहती कोई अशांति -ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लोगों के समूहों के साथ भेदभाव करता है, तो वह इसका विरोध करेंगी। सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहती हैं। राज्य सचिवालय में जल्दबाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘ऐसी खबरें हैं कि सीएए को अधिसूचित किया जाएगा। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम लोगों के साथ भेदभाव करने वाली किसी भी चीज का विरोध करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम नियमों को पढ़ने के बाद इस मुद्दे पर बात करेंगे।’
केरल में नहीं लागू करेंगे सीएए -मुख्यमंत्री विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने वाला कानून करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसे दक्षिणी राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। विजयन ने कहा, ‘सरकार ने बार-बार कहा है कि सीएए केरल में लागू नहीं किया जाएगा, जो मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है। यह रुख बरकरार है। सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी इस कानून के खिलाफ पूरा केरल एकजुट होगा।’

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