मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाजब दे मेट! ... रशियन एजेंट एन्ना! -भाग १७

जब दे मेट! … रशियन एजेंट एन्ना! -भाग १७

 

मनमोहन सिंह

कमरे का सन्नाटा डोर बेल की आवाज से टूटा। एक्रिन सोचने लगी इस वक्त कौन आया होगा। इस बीच डोर बेल तीन बार बज चुकी थी। ‘कौन होगा इस वक्त इतना इंपेशंट…’ बड़बड़ाते हुए उसने दरवाजा खोला। दरवाजे के सामने पांच लोग खड़े थे। सभी ने सफेद शर्ट, काली पैंट पहन रखी थी। दो लोगों ने कैप पहन रखी थी, दोनों महिलाएं थीं।
‘वी आर फ्राॅम आईएमएल।’ एक ने जबरन अंदर घुसते हुए कहा।
एक्रिन ने हैरान होते हुए कहा, ‘आईएमएल लेकिन क्यों?’
‘मिस एन्ना हैं?’ सवाल किया गया।
‘मिस एन्ना… लेकिन क्यों?’ एक्रिन ने हकलाते हुए पूछा।
‘हम आपके सवालों का जवाब देने के लिए मजबूर नहीं हैं। अगर आपको पता नहीं है तो हम आपको बता दें आईएमएल इंटेलिजेंस एजेंसी है वह भी सरकारी और हम एन्ना को अरेस्ट करने आए हैं।’
जब तक इतनी बातें पूरी हुई, तब तक पांचों कमरे में घुस चुके थे।
‘मिस एन्ना यू आर अंडर अरेस्ट’ एक महिला अफसर ने एन्ना का हाथ पकड़ते हुए कहा।
एन्ना का चेहरा सफेद पड़ गया, उसके मुंह से आवाज नहीं निकल पा रही थी। वह तो समझ नहीं पा रही थी कि अचानक हुआ क्या?
एक्रिन उनसे बहस तो कर रही थी, लेकिन उसे जल्दी समझ में आ गया कि उसकी बहस का उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा था।
‘देखिए मिस एक्रिन अगर आपने हमारे काम में दखलअंदाजी करने की कोशिश की तो हम आपको भी अरेस्ट कर लेंगे। आपको पता होना चाहिए कि क्रिमिनल को बचाना, उसका साथ देना भी क्राइम है।’ एक ने कड़कती आवाज में कहा।
‘क्रिमिनल, कौन क्रिमिनल? आप किसकी बात कर रहे हैं?’ एक्रिन ने पूछा।
‘मिस एन्ना और कौन? आपको पता है वह एक रशियन एजेंट हैं?’ एक्रिन को सुनाई दिया।
‘रशियन एजेंट हैं एन्ना! आपको कोई गलतफहमी हुई होगी ऑफिसर। वह रशियन नहीं बल्कि यूक्रेनियन है। है एन्ना… डैमिट… से समथिंग… कुछ बोलो…! उसने एन्ना से कहा। ‘और तुम… एजेल तुम चुप क्यों हो?’ उसने एजेल की तरफ देखते हुए जोर से कहा। उसने देखा है एन्ना गुमसुम बैठी हुई थी। एजेल चुपचाप उसकी तरफ देख रहा था।
‘देखिए मिस एक्रिन हमें पता है मिस्टर एजेल एक पुलिस अफसर हैं। उन्हें पता है कि उन्हें इस वक्त चुप रहना चाहिए, इसलिए चुप हैं वह… ऐसे लोगों को समझदार कहा जाता है। और एक आप हैं जो लगातार बोले जा रही हैं। लगता है आपको भी अब अरेस्ट करना ही पड़ेगा।’ एक अफसर ने बड़ी तेज आवाज में कहा, जिसका असर भी हुआ।
एक्रिन भी चुप हो गई। कमरे में इस कदर खामोशी हावी हो गई थी कि उन सब की सांसों की आवाज तक साफ-साफ सुनाई दे रही थी।
एक्रिन को एजेल पर बड़ा गुस्सा आ रहा था। सोच रही थी उनके आने से पहले तक वह दुनिया भर के किस्से सुना रहा था और अब एक बुत की तरह बैठा हुआ था। फिर उसे रहा नहीं गया। वह एजेल के पास पहुंची और उसकी कॉलर पकड़कर जोर से चिल्लाई, ‘यू मेड माय हेड हैंग ऑन शेम… जस्ट गेट लॉस्ट…’
दूसरी महिला एजेंट ने पिस्टल निकाली और उसकी ओर तानते हुए कहा, ‘मिस एक्रिन अगर आपकी जुबान से एक शब्द भी निकला तो मैं भूल जाऊंगी मैंने तुम पर गोली चला दी है… शायद आपको पता नहीं हमें गोलियों का हिसाब नहीं देना पड़ता। हम यहां पर मिस एन्ना को लेने आए थे। आपने तो बखेड़ा खड़ा कर दिया है। हाथ ऊपर कीजिए और सीधे दरवाजे के बाहर खड़ी वैन में जाकर बैठ जाइए।’
उसकी आवाज सुनकर एन्ना भीतर तक सिहर गई। एक्रिन से पहले उठकर उसने दोनों हाथ खड़े कर दिए। वह दरवाजे के बाहर निकल कर वैन में बैठ गई।
वैन एक जीप कम बख्तरबंद गाड़ी ज्यादा लग रही थी। गाड़ी के भीतर आरामदेह सीटें लगी हुई थीं। जगह इतनी थी कि वहां पर १० लोग आराम से बैठ सकते थे। सबसे अंत में गाड़ी में एजेल बैठा। उसके बैठते ही गाड़ी तेजी से चलने लगी। गहरे रंग के शीशे और पर्दों की वजह से यह समझ में नहीं आ रहा था गाड़ी कि किस दिशा से किस ओर जा रही है। गाड़ी के भीतर भी शांति छाई हुई थी। कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। जिसकी वजह से एक रहस्यमय सन्नाटा फैला हुआ था। एन्ना और एक्रिन एक साथ बैठी हुई थीं। एक्रिन ने गौर किया एन्ना की आंखों में आंसू थे।
क्रमश:

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