सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदुस्थान में बीते तीन सालों से मिलावटी और नकली दवाओं का गोरखधंधा बेधड़क चल रहा है। अब इसे केंद्र सरकार की लापरवाही कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि दवा निर्माता कंपनियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होती है। हालांकि, जनता को भ्रमित करने के लिए दिखावे के तौर पर देश में बने २,७०,४३१ दवाओं के नमूनों की जांच केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने कराई, जिसमें से आठ हजार से अधिक नमूने नकली और मिलावटी पाए गए। उल्लेखनीय है कि बाजार में नकली दवाओं का कारोबार बड़े स्तर पर चल रहा है। फरवरी में हुए संसद सत्र में यह मुद्दा उठाया गया था। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से उपरोक्त जानकारी दी गई थी। इसमें बताया गया था कि केंद्रीय संस्थाओं की ओर से देश में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।