अमिताभ श्रीवास्तव
क्रिकेट सुंदरी एलिसा पेरी महिला प्रीमियर लीग में जमकर प्रदर्शन दिखा रही हैं। पेरी जितनी खूबसूरत हैं उतना ही उनका खेल है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की गेंदबाज हैं एलिसा पेरी, जिन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए १५ रन देकर ६ विकेट चटका लिए। यह महिला प्रीमियर लीग में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का आंकड़ा भी है। पेरी इसी के साथ लीग की पर्पल वैâप होल्डर बन गर्इं। पेरी के ६ विकेट के कारण मुंबई पहले खेलते हुए ११३ रन पर ही सिमट गई थी। यदि बात करें विकेटखोर गेंदबाजों की तो ६/१५ : एलिसा पेरी बनाम मुंबई इंडियंस (२०२४) नंबर वन पर हैं इसके बाद हैं ५/१५ विकेट लेनेवाली मेरिजाना वैâप जिसने गुजरात जायंट्स (२०२३) में यह कारनामा दिखाया था। इस लीग में ही आशा शोभना भी हैं जिन्होंने यूपी वारियर्स के खिलाफ ५/२२ विकेट लिए। ५/२९ तारा नोरिस बनाम आरसीबी (२०२३) और ५/३६ किम ग्राथ बनाम यूपी वारियर्स (२०२३) भी लिस्ट में हैं।
आईपीएल के पैसे से मां-बाप का कर्ज उतारा
ऐसा भी हुआ है जब किसी आयोजन के पैसों से अपने ऊपर चढ़े कर्ज को उतारा गया हो। यह भी आईपीएल की एक खासियत है। दुनिया का सबसे अधिक दौलत की बारिश करनेवाला क्रिकेट आयोजन है हमारा आईपीएल। इसमें कभी क्रिस मॉरिस वो नाम था जिसने खेलकर अपने मां-बाप के सिर पर चढ़ा कर्ज उतारा। साउथ अप्रâीका के इस क्रिकेटर के दोनों हाथों में लड्डू के समान रहा था आयोजन। उनकी ये एंट्री वैसे तो २०१३ के दौरान हुई थी, लेकिन वो सुर्खियों में तब सबसे ज्यादा छा गए जब आईपीएल २०२१ के ऑक्शन राजस्थान रॉयल्स ने उन पर १६.२५ करोड़ रुपए का दांव लगाया। इस रकम ने उन्हें उस सीजन के ऑक्शन में आईपीएल का सबसे महंगा खिलाड़ी बना दिया था। क्रिस मॉरिस पहली बार चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते दिखे थे। तब चेन्नई ने उन्हें ४ करोड़ २० लाख रुपए में खरीदा था। उस रकम का इस्तेमाल क्रिस मॉरिस ने अपने पिता के उन सामानों को छुड़वाने के लिए किया था, जो उन्होंने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए गिरवी रखे थे।
कौन है तनिक्षा?
हिंदुस्थान में तलवारबाजी की यदि बात होती है तो भवानी देवी का नाम गूंजता है मगर अब उनके साथ-साथ एक २० साल की लड़की ने जो कमाल दिखाते हुए विश्व तलवारबाजी में अपने नाम की दस्तक दी है, उससे हिंदुस्थान की उम्मीदों को पंख मिल गए हैं। हरियाणा की इस छोटी सी चुलबुल लड़की को जब तलवार चलाते देखते हैं तो लगता है जैसे कोई हिरण अपनी फुर्ती से कलाबाजी दिखा रहा हो। जी हां, तनिक्षा के पिता व पुलिस अधिकारी सोनू खत्री बताते हैं कि २३ सितंबर, २००३ को तनिक्षा का जन्म हुआ और उनकी छोटी बहन शीतल का जन्म १० नवंबर को हुआ। दोनों जूनियर व सीनियर मुकाबलों में अब तक १२८ से अधिक पदक बटोर चुकी हैं। १४ वर्ष की उम्र में बहनों ने खेल अभ्यास शुरू कर दिया था। शीतल और तनिक्षा ने फेसिंग में दिन-रात मेहनत कर स्कूल से राष्ट्रीय स्तर तक मेडल जीते। अब दोनों ओलंपिक में गोल्ड जीतना चाहती हैं। करियर की उड़ान भरते हुए तनिक्षा ने ३०वीं सीनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, २५वीं जूनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, २६वीं जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड, एशियन वैâडेट २०१७ चैंपियनशिप अंडर-१७ में गोल्ड मेडल, १६वीं नेशनल वैâडेट हैदराबाद अंडर-१७वीं में गोल्ड हासिल किया। वैसे अब वो हिंदुस्थान के लिए ओलंपिक में एक जगमगाता सितारा होंगी।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)