मुख्यपृष्ठनए समाचारसिटीजन रिपोर्टर : बूट पॉलिश वालों को कब मिलेगा न्याय!

सिटीजन रिपोर्टर : बूट पॉलिश वालों को कब मिलेगा न्याय!

अंबरनाथ
मुंबई जैसे शहर में आज जहां इतनी महंगाई है, वहीं अगर रोज कमाने-खाने वालों को एक दिन भी काम मिलना बंद हो जाए तो उनके परिवार का बजट बिगड़ जाता है। ऐसी ही स्थिति के शिकार रेलवे स्टेशन पर लोगों के शूज को शाइन कर उनकी मर्यादा बढ़ाने वाले लोग हैं, जिनका रेलवे ने आपसी विवाद के कारण सवा महीने से काम बंद करवा दिया है। यदि इसी तरह से रेलवे संस्था रजिस्टर करनेवाले अधिकारी का काम बंद कर दिया जाए तो उनकी दशा क्या होगी। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर उमेश राम ने शूज शाइन करनेवाले सैकड़ों लोगों का दर्द बयां किया है।
उमेश राम ने बताया कि वांगणी के कुछ धूर्त लोगों ने एक सहकारी सोसायटी (संस्था) का पंचीकरण ठाणे से कराया। पंचीकरण में जिनका नाम लिया गया था उन्हें पदाधिकारियों ने काम देने की बजाय दूसरे लोगों से कथित मोटी रकम का लेन-देन कर सोसायटी के नाम पर रेलवे स्टेशन पर जूता पॉलिश करने का काम दिलवाया। इसी बीच भीमा शूज शाइन के नाम से दूसरी संस्था का पंचीकरण किया गया। भीमा नामक संस्था द्वारा नियमत: जिन लोगों का सोसायटी में नाम था उसके अलावा अन्य लोगों को मेंबर बनाते हुए ठाणे से टिटवाला, बदलापुर स्टेशन के बीच रेलवे विभाग से कानूनी ढंग से पॉलिश का काम देते रहे। दूसरी संस्था के लोगों को भय सताने लगा कि कहीं उनके लोग जिनसे पैसे लेकर स्टेशन पर बैठाए हैं उनके लिए रेलवे मुसीबत न बन जाए। ऐसा सोचकर मध्य रेलवे के मुख्यालय छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में शिकायत की कि गलत संस्था के लोग रेलवे स्टेशन पर शूज शाइन का काम कर रहे हैं। उमेश राम ने बताया कि शिकायत मिलते ही रेलवे प्रशासन ने फरवरी २०२४ से काम बंद करवा दिया है। अब कानूनी तरह से काम करनेवाले को अपनी सत्यता का प्रमाण देने के लिए जगह-जगह जाना पड़ रहा है। भीमा नामक संस्था ने अपने पंचीकरण से संबंधित सारे कागजात दे दिए, परंतु शिकायतकर्ता ने अभी तक कागजातों की पूर्ति नहीं की है।
एक झूठी शिकायत पर सैकड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया गया है। शूज पॉलिश करनेवाले सैकड़ों लोग एक-एक पैसे के लिए मोहताज हैं। परिवार आर्थिक तंगी के कारण भुखमरी जैसी स्थिति में पहुंच गया है। भीमा शूज शाइन संस्था के लोगों की मांग है कि झूठी संस्था बनाकर दूसरे लोगों पर कार्रवाई के रूप में १ फरवरी से बेरोजगार करनेवाले लोगों की संस्था की जांच कर झूठी संस्था के लोगों की संस्था को रद्द कर संस्था रजिस्ट्रार को चाहिए कि ऐसे झूठे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करें। इतना ही नहीं, जल्द से जल्द भूखे-प्यासे, शूज पॉलिश करनेवाले सैकड़ों गरीब लोगों को न्याय दिया जाए। रेलवे प्रशासन, पंची विभाग को चाहिए कि वो जल्द से जल्द दूध का दूध और पानी का पानी करें।

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