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आठ माह में ही छोड़ा ‘दादा’ का दामन …फिर शरद की शरण में आए विधायक लंके …कहा- दिल में बसते हैं साहेब

सामना संवाददाता / मुंबई
आठ महीने के अंदर ही अजीत पवार के साथ गए विधायक उनका दामन छोड़ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की शरण में आने शुरू हो गए हैं। अजीत पवार के साथ गए विधायक निलेश लंके शरद पवार के साथ वापस आ गए हैं। शरद पवार के साथ आने बाद निलेश लंके ने कहा कि शरद पवार की विचारधारा पर हमेशा काम करता रहूंगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने उनका नेतृत्व कभी नहीं छोड़ा, आज भी मेरे कार्यालय में पवार साहेब की तस्वीर है। मेरे दिल से पवार साहेब की जगह को कोई नहीं हटा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम सबके सर्वेसर्वा साहेब हैं, वे जो आदेश देंगे वह स्वीकार्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में तुतारी चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे। वहीं दूसरी ओर शरद पवार ने नीलेश लंके का स्वागत करते कहा कि हम उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए उनके पीछे मजबूती से खड़े रहेंगे।
नगर दक्षिण सीट पर सुजय विखे की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद सबकी निगाहें नीलेश लंके की भूमिका पर थीं, जो पिछले दो साल से लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे। आखिरकार कल गुरुवार शाम पांच बजे वह पुणे स्थित एनसीपी दफ्तर आए और वरिष्ठ नेता शरद पवार से मुलाकात की। इस निजी मुलाकात और चर्चा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील मौजूद थे। इसके बाद शरद पवार ने कोविड काल में लंके के अनुभव पर आधारित पुस्तक ‘मी अनुभूवलेला कोविड’ का लोकार्पण किया । इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्प्रâेंस में पत्रकारों से बातचीत की। पत्रकारों के एक सवाल के जबाव में शरद पवार ने चुटकी लेते हुए कहा कि निलेश लंके की संभावित समस्या दूर हो गई है। वे मुंबई में अमोल कोल्हे, जयंत पाटील और सुप्रिया सुले के साथ दिखाई देंगे।

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