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किसानों के उग्र आंदोलन मामले में पूर्व मंत्री सहित आरोपियों को अदालत ने किया बरी

-राया के चर्चित उग्र आंदोलन में डीएम एवं पुलिस अधिकारी हुए थे घायल

-पुलिस ने पूर्व मंत्री सहित 53 लोगों के खिलाफ दी थी चार्जशीट

कमलकांत उपमन्यु / मथुरा

मथुरा जिले के राया क्षेत्र में ओलावृष्टि को लेकर के किसानों के उग्र आंदोलन के मामले की सुनवाई करते हुए एडीजे एमपी-एमएलए पंचम अदालत ने शुक्रवार को प्रदेश के पूर्व मंत्री सरदार सिंह सहित छह आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र शर्मा एडवोकेट द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई। उन्होंने बताया कि राया थाना क्षेत्र में 17 वर्ष पूर्व बेमौसम वर्षा व ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और जौ की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई थी। इसे लेकर किसानों ने आक्रोश शुरू किया था, जो कई दिनों तक चला था। 22 मार्च 2007 को आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया था और सिग्नल तोड़कर ट्रेनें रोकी गई थीं। ट्रेनों पर पथराव किया गया। लोग राया स्टेशन पर ट्रेनों के आगे लेट गए थे। तत्कालीन जिलाधिकारी सहित प्रशासन का अमला मौके पर पहुंचा था। आक्रोशित लोगों ने पथराव कर दिया था। आंदोलन में जिलाधिकारी सहित कई लोग चोटिल हुए थे। आंदोलन की प्रशासन ने वीडियो रिकार्डिंग कराई थी। पुलिस ने मुकदमे की लिखा-पढ़ी में पूर्व मंत्री सरदार सिंह के नेतृत्व में आंदोलन दिखाया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके 53 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत ने सुनवाई में 47 लोगों को पहले ही बरी कर दिया था। ठोस सबूत के अभाव में पूर्व मंत्री सरदार सिंह निवासी कारब राया सहित प्रहलाद निवासी बिसावली, छत्रपाल निवासी जासा, असलम खान उर्फ अस्सो निवासी मुहल्ला व्यापारियान, राजेंद्र सिंह निवासी तम्मका, रविंद्र उर्फ रवि निवासी मगदा मांट को आज अदालत ने बरी कर दिया।
पूर्व मंत्री चौधरी सरदार सिंह ने अदालत के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि अन्नदाता की लड़ाई लड़ी थी हमे झूठा फसाया गया था यह बात आज अदालत के फैसले से साफ हो गई

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