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मानव विकास सूचकांक सूची … भूटान व बांग्लादेश से भी फिसड्डी हिंदुस्थान …चीन ७५वें, श्रीलंका ७८वें और हिंदुस्थान १३४वें नंबर पर

सामना संवाददाता / नई दिल्ली 
मानव विकास पर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में हिंदुस्थान को १३४वें स्थान पर रखा है, जबकि भूटान को १२५ वें और बांग्लादेश को १२९ वें स्थान पर रखा गया है। यही नहीं इस सूची में श्रीलंका और चीन भी हिंदुस्थान से आगे हैं। चीन और श्रीलंका उच्च मानव विकास श्रेणी में क्रमश ७५वें और ७८वें स्थान पर हैं।
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि समृद्ध देशों में अभूतपूर्व स्तर की वृद्धि देखी गई है, जबकि दुनिया के आधे सबसे गरीब देश अपनी महामारी से पहले की प्रगति का स्तर हासिल करने में भी विफल रहे हैं, यानी सरल शब्दों में कहें तो गरीब और गरीब हुआ है तथा अमीर और अमीर।
हिंदुस्थान की रैंक नीचे 
इस सूची को ‘बहुत उच्च’, ‘उच्च’, ‘मध्यम’ और ‘निम्न मानव विकास’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस सूची में चीन और श्रीलंका उच्च मानव विकास श्रेणी में हैं तो हिंदुस्थान को ‘मध्यम मानव विकास’ के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। द वायर के अनुसार, ‘ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिनिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड’ शीर्षक वाली २०२३/२४ मानव विकास रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां एचडीआई के साल २०२० और २०२१ में गिरावट के बाद २०२३ में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का अनुमान है, वहीं अमीर और गरीब देशों के बीच विकास के स्तर में काफी अंतर देखा गया है।
अमीर और गरीब देशों के बीच असमानता 
इस बारे में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रमुख अचिम स्टीनर ने कहा कि रिपोर्ट से पता चला मानव विकास के बढ़ते अंतर से पता चलता है कि अमीर और गरीब देशों के बीच असमानताओं को लगातार कम करने की दो दशकों की प्रवृत्ति अब उलट गई है। हमारे वैश्विक समाजों के गहराई से जुड़े होने के बावजूद हम कमजोर पड़ रहे हैं। हमें अपनी साझा और अस्तित्वगत चुनौतियों का समाधान करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी परस्पर निर्भरता के साथ-साथ अपनी क्षमताओं का लाभ उठाना चाहिए।
धन का हो रहा है विकेंद्रीकरण 
रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक असमानताएं आर्थिक तौर पर केंद्रीकरण के कारण बढ़ी हैं। वस्तुओं के मामले में वैश्विक व्यापार का लगभग ४० फीसदी तीन या उससे कम देशों में केंद्रित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि २०२१ में दुनिया की तीन सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियों में से प्रत्येक का मार्केट कैपिटलाइजेशन साल ९० फीसदी से अधिक देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को पार कर गया।

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