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सीपीएस डिप्लोमा फिर होगा शुरू… गड़बड़ी पाए जाने पर कोर्स किए गए थे रद्द

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र शिक्षा और औषधि विभाग (एमईडीडी) ने कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन यानी सीपीएस द्वारा दी जानेवाली फेलोशिप और डिप्लोमा डिग्री को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है। आठ महीने पहले निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर सभी कोर्स रद्द कर दिए गए थे। एमईडीडी के एक अधिकारी ने कहा कि हमने फिर से २६ सीपीएस पाठ्यक्रमों में से १० को तत्काल शुरू कर दिया है, जिससे फेलोशिप और डिप्लोमा पाठ्यक्रम करनेवाले १,००० से अधिक मेडिकल छात्रों को लाभ होगा। सीपीएस अध्यक्ष डॉ. अजय साम्ब्रे के मुताबिक राज्य में हर साल १,२०० छात्र एमबीबीएस पास होते हैं। डिप्लोमा और फेलोशिप कोर्स करते हैं। हमारी कुछ कमियों और कुछ गलतफहमियों के कारण तत्कालीन सचिव ने सीपीएस द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों को रद्द कर दिया। हालांकि, पिछले साल कई छात्रों ने सीपीएस की मान्यता रद्द करने की सराहना करते हुए कहा था कि यह सही है, क्योंकि इसमें सीटी स्वैâनर और एमआरआई मशीनों जैसी उन्नत नैदानिक तकनीकों का अभाव है। उल्लेखनीय है कि साल २००० में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने पारदर्शिता की कमी, अपर्याप्त पर्यवेक्षण, उम्मीदवारों की गुणवत्ता की कमी के कारण फिजिशियन एंड सर्जन पाठ्यक्रमों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए ११ पर रोक लगा दी थी। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के एक अधिकारी के अनुसार गैर-मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को एमएमसी अनुसूची में शामिल किया जाना जारी रहा, क्योंकि सीपीएस का राज्य सरकार पर प्रभाव था। पिछले साल १४ जुलाई को बड़ी कार्रवाई करते हुए एमएमसी ने सीपीएस से जुड़े १२० मेडिकल संस्थानों का निरीक्षण किया। लेकिन ७४ कॉलेजों ने निरीक्षण कराने से इनकार कर दिया। इस बीच यह पाया गया कि कई संस्थानों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करनेवाले संकाय और इंप्रâास्ट्रक्चर की कमी पाई थी, जो नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों का उल्लंघन है।

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