मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : शेट्टार बाहरी

झांकी : शेट्टार बाहरी

अजय भट्टाचार्य

कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बीते सप्ताहांत बेलगावी में दो आपात बैठकें कीं। यह घटनाक्रम पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को बेलगावी से लोकसभा चुनाव की टिकट दिए जाने की खबरों के बाद सामने आया। फिलहाल मंगला अंगदी बेलगावी की सांसद हैं। एक बैठक एक निजी कार्यालय में हुई, जबकि दूसरी बैठक पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभाकर कोरे के आवास पर हुई। इसमें राज्यसभा सांसद इरन्ना कडाडी, विधायक अभय पाटील, पूर्व विधायक अनिल बेनाके और विश्वनाथ पाटील, एम.बी. जिरली और विरुपाक्ष मामानी जैसे कुछ जिला इकाई पदाधिकारी उपस्थित थे। जारकीहोली परिवार और अंगदी परिवार के सदस्य शामिल नहीं हुए। हालांकि, प्रतिभागियों ने इस बात से इनकार किया कि इस विचार का कोई विरोध था, लेकिन ऐसा माना जाता है कि उन्होंने बाहरी लोगों को मैदान में उतारने के विचार का कड़ा विरोध किया। शेट्टार को जब वे कांग्रेस से लौटे तो उन्हें एक लोकसभा सीट देने का वादा किया गया था। वह धारवाड़ पर जोर दे रहे थे, लेकिन पार्टी नेताओं ने उनसे कहा कि निर्वाचन क्षेत्र का पैâसला बाद में किया जाएगा। चिक्कोडी में पार्टी ने सांसद अन्ना साहेब जोले को फिर से उम्मीदवारी देकर पूर्व सांसद रमेश कट्टी और पूर्व मंत्री मुरुगेश निरानी को निराश किया है, दोनों ही इस सीट से लड़ना चाहते थे। बैठक का एक अन्य कारण एक केंद्रीय पर्यवेक्षक द्वारा संसद सदस्य को शेट्टार की उम्मीदवारी स्वीकार करने के लिए तैयार रहने के लिए किया गया फोन है। कहा जा रहा है कि स्थानीय नेताओं के बीच मतभेद के कारण आलाकमान ने उन पर एक बाहरी व्यक्ति को थोप दिया है। कडाडी को दिल्ली के नेताओं से बात करने का अधिकार दिया गया था, जबकि पूर्व विधायक अनिल बेनाके को राज्य स्तर के पार्टी नेताओं से बात करने के लिए कहा गया था।

आंध्र भाजपा में बेचैनी
आंध्र प्रदेश भाजपा में असंतोष की चिंगारी बढ़ती दिख रही है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक टिकटों को अंतिम रूप नहीं दिया है। पार्टी जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, उनके लिए पार्टी ने प्रत्येक खंड से दो-दो नेताओं के नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजे हैं, जिससे उन लोगों में असंतोष है, जिन्हें छोड़ दिया गया है। इसी तरह जिन संसदीय क्षेत्रों से भाजपा के चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है, वहां के नेता भी गठबंधन सहयोगियों को सीटें देने के नेतृत्व के पैâसले से नाखुश हैं। भाजपा आगामी चुनाव में तेदेपा और जेएसपी के साथ गठबंधन में १० विधानसभा और छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एलुरु सीट के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता गरपति सीतारामान्जनेय चौधरी उर्फ ‘तपना’ चौधरी, पिछले एक दशक से टिकट के इच्छुक हैं और उनकी गतिविधियां पोलावरम एसटी आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र तक पहुंच गई हैं। पूर्व सांसद वाई सत्यनारायण चौधरी (सुजना चौधरी) सीट पाने की कोशिश कर रही हैं। तेदेपा से भाजपा में शामिल हुर्इं सुजना चौधरी विजयवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश रखती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं मिल सका। इस बीच राज्य भाजपा नेतृत्व ने हिंदूपुर लोकसभा सीट के लिए वाई सत्य कुमार और संत स्वामी परिपूर्णानंद स्वामी के नाम भेजे हैं, जिससे राज्य उपाध्यक्ष एस विष्णुवर्धन रेड्डी नाराज हो गए हैं। राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी विशाखापत्तनम लोकसभा सीट पाने के लिए प्रयास किए, लेकिन यह सीट तेदेपा को दिए जाने से जीवीएल नाराज हो गए। प्रदेश उपाध्यक्ष पीएनवी माधव अनाकापल्ले लोकसभा सीट के दावेदारों में से थे, लेकिन राज्यसभा सांसद सीएम रमेश का नाम अचानक सामने आया। तेदेपा नेता रमेश विशाखापत्तनम से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन अब उनकी नजर अनाकापल्ले लोकसभा सीट पर है।

दो प्रतिशत कमीशन
गुजरात के जलालपुर से भाजपा विधायक रमेशभाई छोटूभाई पटेल ने खुलासा किया है कि भाजपा में दो प्रतिशत कमीशन व्यवस्था मौजूद है। पिछले हफ्ते नवसारी जिले के विजलपोर इलाके में एक झील सौंदर्यीकरण परियोजना पर चर्चा से संबंधित एक सार्वजनिक मंच पर भाजपा विधायक ने भाजपा में भ्रष्टाचार के अस्तित्व की पुष्टि की। उन्होंने सरकारी ठेकेदारों को निर्देश दिया कि वे ‘भाजपा व्यवस्था के भीतर आवश्यक दो प्रतिशत के अलावा किसी को पैसा न दें। झील सौंदर्यीकरण परियोजना के लिए स्वीकृत ४ करोड़ रुपयों में से निर्धारित दो प्रतिशत से अधिक कोई भी योगदान अस्वीकार्य है। पटेल के बयान से साफ है कि भाजपा खुलेआम भ्रष्टाचार में लिप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने एक बार कहा था कि भाजपा कार्यकर्ता ठेकेदार बन गए हैं, यह दर्शाता है कि वे कमीशन में अधिक रुचि रखते हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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