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जौनपुर में पैराशूट उम्मीदवार से दूरी! …स्थानीय नेता भाजपा आलाकमान से नाराज

कृपाशंकर को अपना नहीं मान रहे लोग
ब्राह्मणों ने भी भाजपा से मोड़ा मुंह
धनंजय की जमीनी पकड़ मजबूत मानते हैं लोग

मंगलेश्वर त्रिपाठी / जौनपुर 
उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। इस सीट के अंतर्गत ५ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या १०,४०,६५२ थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता ५,२०,१२३ और महिला मतदाता ५,१८,४३७ थीं। २०१९ में कुल मतदान प्रतिशत ५५.७१था। एक निजी संस्था द्वारा किए गए जातिगत सर्वे के अनुसार, वर्तमान में ३,०३,८१० ब्राह्मण, २,१५,१८४ क्षत्रिय, २,७५,२५४ मुस्लिम,  २,६५,११० यादव और अनुसूचित जाति के ३,३१,९७० मतदाता हैं। इस सीट पर भाजपा ने पैराशूट उम्मीदवार उतारा है जिससे भाजपा का स्थानीय कैडर खुश नहीं है। महाराष्ट्र की राजनीति छोड़कर जौनपुर पहुंचे कृपाशंकर सिंह को लोग स्थानीय नेता नहीं मानते। भले ही उनका पैतृक जिला जौनपुर हो, मगर महाराष्ट्र में रहते हुए उन्होंने शायद ही किसी जौनपुर वाले सामान्य नागरिक की मदद की हो। साथ ही उन पर ठाकुरवाद का भी आरोप लगता रहा है। उनकी उम्मीदवारी घोषित होने से ठीक पहले पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जेल जाने के पीछे एक बहुत बड़ा तबका भाजपा और कृपाशंकर सिंह को जिम्मेदार मानता है।
कृपा पर ब्राह्मणों की कृपा नहीं
ब्राह्मण कृपाशंकर को नहीं पसंद कर रहा है। ब्राह्मण धनंजय को भी नहीं पसंद करता इसके बावजूद स्थानीय होने के नाते १५ से २० फीसदी वोट ब्राह्मणों का भी धनंजय के खाते में जाएगा। ब्राह्मणों की नाराजगी का लाभ समाजवादी कांग्रेस गठबंधन को भी हो सकता है। जनपद की बात करें तो धनंजय की जमीनी पकड़ को लोग मजबूत मानते हैं जिनका दलित, मुस्लिम, यादव, राजभर सहित सभी समुदायों में व्यापक दखल है। साथ ही पूरे पूर्वांचल में धनंजय का विशेष समुदाय में दबदबा है।
धनंजय के जेल जाने के पीछे भाजपा?
निर्दलीय के तौर पर धनंजय सिंह के पास १लाख २० हजार के लगभाग अपना वोट बैंक है। २.५० लाख के लगभग वोटर सपा के साथ बताए जा रहे हैं। बसपा के भी १.८ लाख वोटर हैं, जबकि भाजपा के ३.७५ लाख वोटर होने का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस मात्र २०-२५ हजार वोटों तक सीमित बताई जा रही है। जाहिर है यदि धनंजय सिंह जेल न गए होते तो किसी भी पार्टी के जीतने/हारने का मुख्य कारण बनते। धनंजय के जेल में होने से किसे फायदा होगा, इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि भाजपा के वोटों में लगभग ८० हजार वोटर धनंजय के मुट्ठी में है। इसकी भी एक वजह यह है कि धनंजय की पत्नी वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। धनंजय के साथ २१ में से ७ ब्लॉक प्रमुख निकटतम सहयोगी हैं।

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