मुख्यपृष्ठस्तंभमहा-संग्राम : कडू की कड़वाहट से नए रोड़े!

महा-संग्राम : कडू की कड़वाहट से नए रोड़े!

रामदिनेश यादव

महाराष्ट्र के चर्चित लोकसभा सीटों में से एक अमरावती प्रमुख लोकसभा सीट है। प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी छोर के इस लोकसभा सीट पर बड़े दलों की नहीं, दो छोटे दलों की लड़ाई देखने को मिलती है। एक तो स्थानीय सांसद नवनीत राणा के पति रवि राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी तो दूसरी दिव्यांग और किसान लोगों के लिए काम करने वाली बच्चू कडू के प्रहार संगठन के बीच अक्सर टकराव देखने को मिलता है। इस बार लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है। कडू बार-बार राणा के खिलाफ नजर आते हैं तो राणा भी बच्चू कडू को देवेंद्र फडणवीस के नाम पर धमकियां देते देखे जा रहे हैं। अभी तक इस सीट से लोकसभा प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन लड़ाई चरम पर है।
दरअसल, यहां की राजनीति में बच्चू कडू शिवसेना से गद्दारी करने वाले असंवैधानिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक माने जाते हैं तो रवि राणा को भाजपा के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पूरा समर्थन है। दोनों महायुति के घटक दल हैं। ऐसे में यहां महायुति में ही संग्राम मचा हुआ है और यह लड़ाई इनके बीच ही सीमित नहीं है। यह लड़ाई इन्हें ऊपर से मिलने वाले बल के चलते जोर पकड़ती है। नवनीत राणा को देवेंद्र फडणवीस अक्सर सपोर्ट करते हैं, जिसके चलते राणा भाजपा के बाकी नेताओं को धता बताते हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की भी कोई गिनती नहीं करते हैं। यही वजह है कि एकनाथ शिंदे यहां से बच्चू कडू को आगे लेकर राणा को दबाने की कोशिश में जुटे हैं।
यहां अभी तक टिकट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। नवनीत राणा को टिकट मिलने की पूरी संभावना है, लेकिन युति के घटक दल प्रहार संगठन का इसका पूरा विरोध है। यहां से प्रहार संगठन के लोग भी टिकट का दावा कर रहे हैं। सांसद नवनीत राणा ने भाजपा में शामिल होने के संकेत तो दे दिए हैं, लेकिन भाजपा समर्थकों में बेचैनी बढ़ गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इससे इनकार किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अभी पिक्चर बाकी है। आगे उन्होंने बताया कि नवनीत राणा अभी तक भाजपा में शामिल नहीं हुई हैं। ऐसे में भाजपा से राणा को टिकट मिलना भी संदेहजनक है। माना जा रहा है कि यदि राणा ने यहां से टिकट ले भी लिया तो उन्हें कडू के कड़वे घूंट पीने होंगे। कडू की यहां अच्छी पकड़ है। यदि कडू ने कड़वाहट दिखाई तो नवनीत का फिर से आना मुश्किल ही होगा। इस बारे में नवनीत के विधायक पति ने हाल ही में कहा था कि महायुति के सभी लोगों को एक मंच पर आना ही होगा। जिस पर बच्चू ने साफ कहा था कि वे राणा से डर गए हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राणा उन्हें देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के नाम पर डरा रहे हैं और वे डर भी गए हैं। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं, लेकिन शायद वे भूल गए हैं कि किसानों और जनता के आगे किसी की नहीं चलती।
फडणवीस के वरगलाने पर रची थी साजिश
स्थानीय लोगों का कहना है कि नवनीत राणा के लिए फडणवीस ने अमरावती में भाजपा को बढ़ने नहीं दिया है। फडणवीस के समर्थन से राणा यहां निर्दलीय चुनकर आई हैं। फडणवीस के वरगलाने पर ही नवनीत राणा ने महाविकास आघाड़ी सरकार में हनुमान चालीसा की नौटंकी रची थी, लेकिन अब क्षेत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी अपना दबदबा बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने हाल ही में बच्चू कडू को आगे किया है इसलिए अमरावती में लड़ाई बच्चू कडू और राणा के बीच नहीं, बल्कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच मानी जा रही है। नवनीत राणा फिल्म अभिनेत्री से राजनीति में आई हैं, उनके पति रवि राणा बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। दोनों निर्दलीय हैं।

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