मुख्यपृष्ठसमाचारयाचक बन कर आए जिहादी ने बुझाए घर के दो-दो चिराग

याचक बन कर आए जिहादी ने बुझाए घर के दो-दो चिराग

-एक आरोपी पुलिस मुठभेड़ में ढेर, दूसरा फरार!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

बदायूं में पत्नी की बीमारी के लिए मदत मांगने आए जिहादी ने मददगार के दो बच्चों को मौत के घाट उतार कर तीसरे पर हमलावर हो गया। तीसरा बच्चा किसी तरह उसके वार से बच गया। तीसरे बच्चे के शोर मचाने पर परिवार के लोग दौड़े, लेकिन तब तक हत्यारा फरार हो गया। इस घटना से बदायूं शहर थर्रा गया। यह दहशत वैसे ही थी, जैसे लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के घर कार्यकर्ता बन कर आए यूसुफ खान और हाशिम अली द्वारा 18 अक्टूबर 2019 को तिवारी की निर्मम हत्या से राजधानी थर्रा गयी थी। बदायूं में मंगलवार देर शाम को थाना सिविल लाइन क्षेत्र में साजिद नामक व्यक्ति घर में घुसकर 2 नाबालिग सगे भाइयों की धारदार हथियार से निर्मम हत्या को अंजाम दिया। बचाने की कोशिश में मृतकों का तीसरा भाई भी घायल हो गया। मामला अलग समुदाय विशेष से जुड़ा होने के चलते वारदात की खबर आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते मौके पर भीड़ जमा हो गई। आरोपी मदद के नाम पर घर गया, पैसे लिए और चाय पी। फिर अंदर जाकर बच्चों को बेहरमी से काट डाला। आक्रोशित भीड़ में मौजूद लोगों ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बवाल शुरू कर दिया। तोड़-फोड़ और आगजनी की भी कोशिश की। भीड़ के साथ मृतक के परिजन पुलिस चौकी पर धरना-प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने आनन-फानन में दोनों बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। हालांकि, पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपी साजिद को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन सिर पर खून सवार होने से वह इतना आक्रामक हो गया था कि पुलिस पर भी हमला कर दिया। बचाव में पुलिस की कार्रवाई में मारा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना बदायूं जिले की थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर हुई। यहां बाबा कॉलोनी के रहने वाले जल निगम में ठेकेदार विनोद कुमार अपनी पत्नी बच्चों और मां के साथ रहते है। उनकी पत्नी ब्यूटी पार्लर का काम करती है। पत्नी संगीता के मुताबिक पड़ोस में नाई की दुकान चलाने वाले शाम को सैलून संचालक आरोपी साजिद और जावेद उनके यहां पहुंच गए। हैवान बने आरोपी साजिद ने पहले संगीता से घर पहुंच कर 45 रुपए का सामान खरीदा, जिसके बाद आरोपी ने अपनी पत्नी की महिला जिला अस्पताल में डिलीवरी होने का हवाला देते हुए पांच हजार रुपए उधार मांगे। बोला कि मेरे 5 बच्चे हुए, लेकिन कोई जीता नहीं है। उसकी परेशानी सुनकर संगीता ने पति विनोद को आरोपी द्वारा उधार रुपए मांगने की बात फोन कॉल पर बताई। पति विनोद ने संगीता से रुपए देने के लिए बोल दिया, जिसके बाद आरोपी को संगीता ने रुपए दे दिए।
इसी दौरान आरोपी साजिद को संगीता ने चाय पिलाई, आरोपी चाय पीने लगा। जबकि दूसरा आरोपी जावेद बाहर बैठ गया। चाय पीते-पीते आरोपी साजिद मकान की तीसरी मंजिल पर जा पहुंचा, जहां विनोद के एक-एक कर 3 बच्चों को उसने ऊपर बुलाया। एक बच्चे को गुटखा लेने के लिए दुकान भेज दिया,फिर उस पर ऐसा खूनी भूत सवार हुआ कि उसने नाबालिग 2 सगे भाई आयुष और हनी को धारदार हथियार से काट डाला और उनकी निर्मम हत्या कर दी, जबकि बीच वाला बेटा गुटखा लेकर जब वापस पहुंचा तो अपने भाइयों को बचाने लगा। आरोपी ने उसे भी जानलेवा हमला कर घायल कर दिया। किसी तरह वो जीने से आरोपी के चुंगल से छूटकर नीचे पहुंचा और चीखने-चिल्लाने लगा। आरोपी साजिद खून से सना बेखौफ दूसरे आरोपी जावेद के साथ फरार हो गया। घर की दीवारों पर लगे जगह-जगह खून के निशां बयां कर रहे हैं कि किस तरह हैवानों ने हैवानियत की हदें पार करते हुए दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया होगा।
देर रात पीड़ित संगीता के मृतक बच्चों के साथ हत्यारे साजिद का भी शव पहुंच गया। उसने संगीता को बताया भी था कि 5 बच्चे उसके पैदा होने के बाद मर चुके हैं। कोई बच्चा जीवित नहीं रहता। अब फिर पत्नी की डिलिवरी जिला महिला अस्पताल में होगी, जिसके खर्चे की मुसीबत की बात कहते हुए उधार लिए और दोनों बच्चों के मार डाला। इधर कोई रंजिश की बात कही जा रही है। पुलिस अब तक दोहरे हत्याकांड की क्या वजह रही, इसकी पड़ताल नहीं कर सकी है। वारदात के बाद शहर में तनावपूर्ण शांति का माहौल है। हालांकि, एक आरोपी साजिद की मुठभेड़ में मारे जाने की खबर के बाद लोगों की भीड़ चली गई। वरना घटना के बाद लोगों का हुजूम नजर आ रहा था।

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