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मोहन के राज में मोरों की मौत! … १०-१५ मोरों को जहर देकर मारने की आशंका

सामना संवाददाता / भोपाल
द्वापर युग में मानव रूप में अवतरित भगवान श्री कृष्ण को मोहन कहा जाता है। भगवान कृष्ण को मोर शायद बहुत पसंद थे, यही वजह है कि उनके सिर पर मोर पंख रहता था। इस कलियुग में भी एक मोहन हैं, जिनको शायद मोरों से कोई लगाव नहीं है। दूसरी बात ये कि उनको देश भक्ति से भी कोई लेना देना नहीं है, क्योंकि मोर राष्ट्रीय पक्षी है। ये बात इसलिए उठी है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव हैं और उनके राज्य में बड़ी संख्या में मोरों की मौत की खबर सामने आई है।
बता दें कि भिंड जिले में अचानक बुधवार को राष्ट्रीय पक्षी मोर की संदिग्ध मौत की खबर ने हलचल मचा दी। पता चला कि गोरमी थाना क्षेत्र के हरीक्षा गांव में एक-दो नहीं, बल्कि १० से १५ मोरों की मौत हुई है। वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और डॉक्टर्स की टीम को भी पोस्टमार्टम के लिए बुलाया गया है। दूसरी तरफ ग्रामीणों ने कुछ मजदूरों पर शिकार के लिए जहरीला दाना खिलाने का आरोप लगाया है।
हरीक्षा गांव में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि बीते कई दिनों से यहां सरसों की फसल काटने के लिए कुछ मजदूर रह रहे हैं, जो गांव के ही स्कूल पर रुके हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन मोरों का शिकार करने के लिए शायद उन मजदूरों ने ही दाने में जहर मिलाकर उन्हें खिला दिया है।
इस पूरे मामले को लेकर जिला वन अधिकारी मोहम्मद माज का कहना है कि उन्हें भी हरीक्षा गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोरों की मौत की जानकारी मिली थी, जिस पर वन अमले को भेजा गया है। साथ ही एक मेडिकल स्टाफ की टीम भी बुलाई गई है, जिससे पोस्टमार्टम किया जा सके और मोरों की मौत का कारण पता चल सके। उसके बाद प्रकरण दर्ज कर जो भी अपराधी हैं, उन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि ये सभी मोर गांव में सरसों के खेत में मिले हैं, जहां बाहर से मजदूर बुलाए गए थे इसलिए अब जांच करेंगे उसके बाद ही कुछ बता पाएंगे कि आखिर वहां क्या हुआ था।

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