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भाजपा के खिलाफ एलएसी पर होगी रैली  … लेह की कड़कड़ाती ठंड में १२ दिनों से सोनम वांगचुक आंदोलन पर

 दी चेतावनी, मांग पूरी नहीं हुई तो १० हजार लोगों का निकलेगा मोर्चा
सामना संवाददाता / लद्दाख 
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और अन्य मांगों को लेकर पिछले १४ दिनों से लेह में शून्य से कम तापमान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सोनम वांगचुक ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादाखिलाफी की है। सरकार ने हमारी मांगों को यदि नहीं माना तो लद्दाख से लगभग १० हजार लोग इस महीने चीन की सीमा तक मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि चीन ने हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया है यह मार्च इसी लिए होगा कि यह दिखाया जा सके कि हमने अपनी कितनी जमीन पड़ोसी देश को दे दी है। वांगचुक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें चरवाहों से पता चलता है कि उन्हें अब उन जगहों पर जाने की अनुमति नहीं है जहां वे पहले हमेशा जाते थे। जिन इलाकों में चरवाहे कुछ साल पहले तक जाते थे, अब उससे कई किलोमीटर पहले उन्हें रोक दिया जाता है। हम वहां जाएंगे और दिखाएंगे कि जमीन गई है या नहीं। उन्होंने बताया कि हमारा मार्च चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फिंगर एरिया, डेमचोक, चुशूल समेत अन्य इलाकों से निकलेगा। हम अपना मार्च २७ मार्च और ७ अप्रैल को निकालेंगे।
`लोग निराश, भाजपा को नहीं मिलेगी
यहां से एक भी सीट’ 
उन्होंने कहा कि लोग निराश, हताश और क्रोधित हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां एक भी सीट नहीं मिलेगी। हम सिर्फ लद्दाख को नहीं, बल्कि पूरे देश को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इसी तरह चुनावी वादों का सम्मान किया जाता है तो चुनाव एक मजाक बनकर रह जाएगा।
उत्तर से चीन कर रहा जमीन पर कब्जा 
वांगचुक ने बताया कि इसके अलावा हम अपने मार्च के दौरान उन क्षेत्रों, प्रमुख चारागाह भूमि को भी दिखाएंगे, जिन्हें सौर पार्क में बदला जा रहा है। लोग कॉरर्पोरेट्स के हाथों अपनी जमीन खो रहे हैं। वांगचुक ने बताया कि यहां के लोग करीब १,५०,००० वर्ग किमी चारागाह भूमि खो चुके हैं। उत्तर से चीन अतिक्रमण कर रहा है, चीनियों ने पिछले कुछ वर्षों में भारत की भूमि के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। कुछ लोगों ने बताया कि सीमा विवाद के कारण पूर्वी लद्दाख के कुल ६५ पैट्रोलिंग पॉइंट में से कम से कम २६ पॉइंट पर गश्त नहीं की जा रही है।

 

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