मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : चुनावी `भजन' में रमे शर्मा!

राजस्थान का रण : चुनावी `भजन’ में रमे शर्मा!

मनमोहन सिंह

राजस्थान में लोकसभा चुनाव की तैयारी का खामियाजा प्रशासनिक अधिकारियों को भी भुगतना पड़ रहा है। जब से भजनलाल शर्मा राजस्थान के चीफ मिनिस्टर बने हैं या यह कहें कि जब से भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीनी है, तब से अधिकारियों के तबादलों का जो तूफान आया है उससे नौकरशाहों में नाराजगी पैâली है। भजनलाल शर्मा ने दिसंबर से अब तक तकरीबन आईएएस अफसरों की १३, राजस्थान प्रशासनिक सेवा की ११ और आईपीएस अफसर की सात फेहरिस्त पर हस्ताक्षर किए हैं। एक पखवाड़े के भीतर तकरीबन १८ दर्जन आरएएस और चार दर्जन आईएएस अफसरों का तबादला हुआ है। जिला स्तर के अधिकारियों तक को नहीं बख्शा गया है। बात सीएम तक तो ठीक थी, धीरे-धीरे नवनिर्वाचित विधायकों ने चीफ मिनिस्टर को इस मामले में फॉलो करना शुरू कर दिया। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव इसे `सामान्य नियमित प्रतिक्रिया’ बता रहे हैं, लेकिन अंदरखाने से आई खबर बताती है कि चुनाव के मद्देनजर ही अधिकतर तबादले किए जा रहे हैं! हर कोई चाह रहा है कि लोकसभा के `स्वतंत्र’ और `निष्पक्ष’ चुनाव के दौरान उनके मनपसंद या उनकी सोच-विचारधारा वाले अफसर और उनकी टीम उनके इलाकों में रहें! इसके अलावा कुछ ऐसे अफसर भी हैं, जिनका अपॉइंटमेंट गहलोत सरकार के दौरान हुआ था, उन्हें भी तबादले का दंश झेलना पड़ रहा है भले ही वे कितने भी काबिल क्यों न हों! सवाल यह पैदा होता है कि जिस अफसर की नियुक्ति कांग्रेस सरकार के दौरान हुई है, उसमें उस अफसर की क्या गलती और उस अफसर से मिनिस्टर्स को क्या तकलीफ है? इन तबादलों की वजह को लेकर कहानी जितनी भी गढ़ी जा रही है, लेकिन जो छिपा एजेंडा है, वह वही है जो कोई जुबान पर नहीं लाना चाहता!
होली का रंग हुआ बेरंग!
चलिए अब करते हैं बात होली की। होली रंगों का त्योहार है। रंगों से सराबोर उल्हास, मस्ती और हुड़दंग! शायद ही किसी और त्योहार में इतना हुड़दंग देखा जाता है! लेकिन राजस्थान की भाजपा सरकार की वजह से होली का रंग बेमजा बेरंग होता नजर आ रहा है। दरअसल, हुआ यह कि भाजपाई चीफ मिनिस्टर भजन लाल शर्मा ने होली के दौरान धारा १४४ लागू करने का आदेश जारी कर दिया। जब पिछले साल २०२३ में भी होली पर गहलोत सरकार ने धारा १४४ लागू की थी तो भाजपा ने इसे कांग्रेस सरकार का तुगलकी फरमान बताते हुए राजनीतिक मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश की थी। फॉर्मर सीएम गहलोत की दलील थी कि त्योहारों के मौके पर कानूनी व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसे लागू किया गया था। उस वक्त नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सांसद अर्जुन मीणा ने सरकार के इस आदेश के चलते सरकार को पानी पी-पीकर कोसा था। मीणा ने इसे कांग्रेस की दोहरी मानसिकता बताते हुए कहा था,`…एक तरफ हिंदुओं के धार्मिक प्रतीकों, यात्राओं पर रोक और दूसरी तरफ रमजान में मुस्लिम इलाकों में बिजली न काटने का फरमान… यह वैâसी दोहरी मानसिकता है आपकी?’
खैर कहते हैं न वक्त बदलता है और आपको भी मौका देता है। फिलहाल, रमजान भी चल रहा है और होली भी खेली जाएगी। पिछले साल की तरह हालात लगभग एक से ही हैं। अब भाजपा की सरकार ने धारा १४४ लागू करने का फरमान जारी कर दिया है। जोधपुर के जिला प्रशासन ने शहर में शांति और व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देते हुए बताया है कि धारा १४४ दिनांक २१ मार्च से ११ अप्रैल तक लागू रहेगी। इतना ही नहीं होली की पांच लाइन `बुरा न मानो होली है’ तक को भी नहीं बख्शा गया है! अब न तो राजेंद्र राठौड़ की आवाज सुनाई दे रही है और न ही मीणा सरकार की दोहरी मानसिकता का राग अलाप रहे हैं। करें तो क्या करें बेचारे जीभ भी अपनी ही है और दांत भी! भले ही दोनों मन और भाजपाई मन मसोस कर रहे हों, लेकिन आम जनता तो सवाल करेंगी ही! फिलहाल, कांग्रेसियों ने भी होली का कोई गुब्बारा नहीं फोड़ा है।
चलते चलते
पुनश्च `बुरा ना मानो होली है’

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