मुख्यपृष्ठग्लैमर‘यह तो सम्मान की बात है!’ -अमृता खानविलकर

‘यह तो सम्मान की बात है!’ -अमृता खानविलकर

‘नटरंग’, ‘चंद्रमुखी’ जैसी फिल्मों में काम करनेवाली मराठी फिल्मों की सुपरस्टार अमृता खानविलकर ने मेघना गुलजार की फिल्म ‘राजी’ में आलिया भट्ट की भाभी का किरदार निभाकर खूब वाहवाही बटोरी। फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ में अपने डांस से लोगों का मन मोह लेनेवाली अमृता खानविलकर डिस्नी हॉटस्टार के थ्रिलर ‘लुटेरे’ में नजर आ रही हैं। पेश है, अमृता खानविलकर से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

 वेब शो ‘लुटेरे’ करने की क्या वजह रही?
इसका ऑफर मेरे पास आया नहीं था, बल्कि जाने-माने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबरा के दफ्तर में संपर्क करने के बाद मुझे पता चला कि हंसल मेहता और उनके बेटे जय मेहता ‘लुटेरे’ की कास्टिंग करवा रहे हैं। इसके कास्टिंग की जिम्मेदारी मुकेश छाबरा को सौंपी गई थी। मैंने भी ऑडिशन दिया। मेरे लिए इस शो में काम करना सम्मान की बात है।

 साउथ अफ्रीका में शूटिंग करना खतरे से खाली नहीं था। आपके क्या अनुभव रहे?
आपको क्या अनुभव बताऊं? साउथ अफ्रीका का समुंदर बहुत रिस्की है। काफी शूटिंग पानी के जहाज में करनी थी। तूफानी समुद्र में तैरते जहाज पर एक्शन सीन फिल्माना आसान नहीं था। शूटिंग के बाद मुझे वैनिटी वैन में ही बैठने के लिए कहा गया था। मुझे सूचना दी गई कि वैनिटी वैन का दरवाजा मुझे भीतर से लॉक करके रखना होगा वरना मेरा किडनैप भी हो सकता है। कभी आंधी, कभी तूफान जैसी अलग-अलग परेशानियां आती रहीं। हम सभी दो-ढाई महीने साउथ अप्रâीका में थे लेकिन हमें शूटिंग के अलावा कोई और जगह देखने का मौका ही नहीं मिल पाया।

अविका का किरदार निभाने में क्या चैलेंजेस रहे?
कहानी के अनुसार, अविका किसी घटना में फंस जाती है, उसे जाल से निकलना है इसलिए वो क्या और वैâसे कोशिश करती है यह किरदार का ट्रैक है। असलियत में हम सभी लॉकडाउन के कारण फंसे हुए थे, किसी से बात कर नहीं सकते, खुले माहौल में कहीं आ-जा नहीं सकते थे। चेहरे पर मास्क लगाकर घूमना क्या किसी सजा से कम नहीं था? मेरा किरदार भी आजादी से महरूम है और दूसरी तरफ कहानी भी कुछ ऐसी है। मैंने इन्हीं हालातों से प्रेरणा ली। कहानी और किरदार जैसे वास्तविक कहानी से समानता रखे हुए थे।

 विवेक गोम्बर, हंसल मेहता, जय मेहता के साथ काम करना कितना अलग था?
फिल्म ‘सर’ में विवेक गोम्बर के सहज अभिनय को देखकर मैं दंग रह गई। विवेक बहुत नेचुरल एक्टर हैं। जय मेहता की मैं जितनी तारीफ करूं कम है। सभी को प्रेरणा देते हुए तूफानी समुद्र में एक्शन सीन करवाने में बंदा बहुत माहिर है। हंसल मेहता कितने कमाल के निर्देशक हैं मुझे यह बताने की जरूरत नहीं। उनकी हर फिल्म दिल को आर-पार करती है, फिर चाहे वो ‘अलीगढ़’ हो, ‘सिटी लाइट्स’ हो या फिर ‘छलांग’।

 ‘लुटेरे’ के लिए किया गया इतना लंबा इंतजार आपको कितना खला?
निर्देशक जय मेहता को यहां भी क्रेडिट देना होगा। एक प्रोजेक्ट के लिए इतना समय देना आसान नहीं, पर उन्होंने अपना वक्त पूरा दिया। हमने शो की शूटिंग साउथ अफ्रीका में पूरी की उसमें ४ वर्ष गुजरे और वहां से वापस मुंबई आने के बाद मैंने विशाल की क्राइम थ्रिलर पूरी की। कुछ मराठी फिल्मों का काम किया। पेशंस हमसे ज्यादा जय मेहता ने दिखाया है।

 समुद्री डाकुओं की दुनिया क्या इस शो से पहले आपने जानी थी या कभी पढ़ी थी?
समुद्री डाकुओं के कारनामे हॉलीवुड फिल्मों और शोज में दिखाए जाते हैं। पहली बार हंसल और जय मेहता ने भारतीय दर्शकों के सामने यह हैरतअंगेज, रोंगटे खड़े कर देने वाला वेब शो प्रस्तुत किया है। डिज्नी-हॉटस्टार सहित सभी बधाई के पात्र हैं।

 अपने करियर को लेकर आप कितनी संतुष्ट हैं?
मराठी फिल्मों ‘नटरंग’ और ‘चंद्रमुखी’ ने मुझे नाम दिया। मैंने इस दिशा में हमेशा कोशिश की है कि मैं हर भाषा की फिल्म में काम करूं। मैं बिना कोई झिझक ऑडिशन देती हूं। फिल्म ‘राजी’ और ‘सत्यमेव जयते’ में मेरे परफॉर्मेंस की तारीफ हुई। उम्मीद है ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘लुटेरे’ को दर्शक खूब सराहेंगे। ओटीटी ने पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपाई, विजय वर्मा, शेफाली शाह जैसे एक्टरों के टैलेंट का सही इस्तेमाल किया।

अन्य समाचार