मुख्यपृष्ठस्तंभमहा-संग्राम : भाजपा के प्यादे, पूरे नहीं होंगे इरादे!

महा-संग्राम : भाजपा के प्यादे, पूरे नहीं होंगे इरादे!

रामदिनेश यादव

महाराष्ट्र के दक्षिणी-पश्चिमी छोर पर स्थित यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट इन दिनों गद्दारों की वजह से चर्चा में हैं। यहां गद्दारों के नेता आपस मे टिकट के लिए भिड़ रहे हैं।
कॉटन किंग क्षेत्र का यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष का गढ़ है। लेकिन यहां से टिकट को लेकर गद्दार शिंदे गुट, तो भाजपा और अजीत पवार गुट भी टिकट मांग रहा है। इतना ही नहीं, कई गंभीर मामलों के आरोपी मंत्री संजय राठौड़ भी दावेदारों की लिस्ट में हैं। यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र में महायुति के उम्मीदवार चुनाव में सफल होंगे क्या इस पर महायुति के नेताओं को भरोसा नहीं रहा है। क्षेत्र में गद्दार गुट की सांसद भावना गवली और असंवैधनिक सरकार के मंत्री व गद्दार नेता संजय राठौड़ के बीच भिड़ंत दिख रही है। अभी तक टिकट का बंटवारा भी नहीं हुआ है, लेकिन अभी से माहौल गरम है। इस बीच संजय राठौड़ के एक बयान से घातियों के बीच हंगामा मच गया है। दरअसल, संजय राठौड़ ने इस बात पर संदेह व्यक्त किया है कि महायुति के उम्मीदवार की यहां से जीत होगी ही। इस सीट पर वर्तमान सांसद भावना गवली ने एक बार फिर से महायुति से टिकट की मांग की है। गवली दावा कर रही हैं कि उन्हें इस सीट से टिकट मिला तो सफल हो जाएंगी। लेकिन राठौड़ ने जो बयान दिया उससे साफ है कि गवली की जीत पर पूरा संदेह है।
दरअसल, यह सीट शिवसेना की है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष की मजबूत पकड़ है। यहां उद्धव ठाकरे का एक दौरा शिवसैनिकों को सतर्क करने के लिए काफी है। शिवसैनिक गद्दारों को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, शिवसेना को टक्कर देने के लिए यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र का दौरा किया था। उसके बाद इसके बाद हाल ही में असंवैधानिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दौरा किया, जबकि महायुति और महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार की घोषणा होना बाकी है।
इस जगह पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष पूरी ताकत से मैदान में है, क्योंकि यह शिवसेना का गढ़ है। यहां भाजपा की हालत बहुत खराब है। ऐसे में भाजपा गद्दारों को आगे कर रही है। भाजपा ने गद्दारों पर भरोसा जताया है। भाजपा भावना गवली के ऊपर ज्यादा भरोसा कर रही है, क्योंकि भावना के महिलाओं का बचत गट चलाती हैं। लेकिन उन्हें जो शिंदे खेमे के विधायक व मंत्री संजय राठौड़ से झटका मिल रहा है, उससे साफ है कि गद्दारों की करनी उनके सामने है। मामला नागपुर में उठा, जब पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री संजय राठौड़ ने आशा व्यक्त की कि भावना गवली को टिकट मिलने का मतलब उनकी जीत सुनिश्चित नहीं होती। जब तक उम्मीदवार तय नहीं हो जाता, तब तक किसी को अंदाजा नहीं है कि पर्दे के पीछे क्या राजनीति चल रही है।

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