शुद्ध पेयजल, जलभराव और सीवरलाइन जैसी
समस्याओं से जूझ रहे हैं शहरवासी
सामना संवाददाता / बहराइच
बहराइच जिले में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा के नेता एक बार फिर जिले के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन आज भी ऐसे कई मुद्दे हैं, जो अभी तक अधूरे हैं। जिला आज तक पिछड़ा ही है। यहां अभी तक पर्याप्त परिवहन की सुविधा नहीं मिल सकी है। वहीं, शहरवासी शुद्ध पेयजल, जलभराव और सीवरलाइन जैसी मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं। शहर में बाईपास न बनने से जाम की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। इससे लोगों में आक्रोश है और नेताओं के प्रति विरोध जता रहे हैं।
बता दें कि परिवर्तन के नाम पर बहराइच-गोंडा रेलमार्ग को बंद कर दिया गया था। इसके बाद बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ। महज ६४ किलोमीटर की दूरी के इस रेलमार्ग पर काम पूरा करने में करीब पांच साल लग गए। इसके बाद वर्ष २०२२ अगस्त माह में यहां से पहली बार वाराणसी के लिए एक इंटरसिटी ट्रेन का संचालन शुरू हुआ। तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए रेलवे ने इसे पांच बार बंद कर दिया था। हालांकि, इसी दौरान २०२३ में एक ट्रेन गोरखपुर के लिए संचालित की गई, जो अभी तक चल रही है। अब १० फरवरी २०२४ से बहराइच-रूपईडीहा रेलमार्ग को बंद कर बड़ी लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया है। वहीं, तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर रोडवेज की सुविधा भी नहीं है।
शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं
अमृत योजना के तहत शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए वर्ष २०११ में पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया था। जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के ठेकेदारों ने मोहल्लों की सड़कों को खोदकर पाइप लाइन बिछाई। योजना पर लगभग ५० करोड़ का खर्च आया, लेकिन अभी तक शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं कराया जा सका। इस मामले में जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, शहर में सीवरलाइन भी नहीं बन सका है। इससे जल निकासी की समस्या गंभीर बनी हुई है।
शहरवासियों को बेहतर बिजली उपलब्ध कराने के लिए २०१५ में भूमिगत केबल बिछाने का कार्य शुरू हुआ था। योजना के लिए करीब ९५ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई। शहर के कई मोहल्लों में भूमिगत लाइनों को बिछाकर कनेक्शन आवंटन के लिए जंक्शन बॉक्स स्थापित कराए गए, लेकिन आज शहर में बिछाई गई भूमिगत केबिल के जंक्शन बॉक्स जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। कई स्थानों पर यह हादसे का कारण भी बन रहे हैं। करोड़ों रुपए की योजना बिजली विभाग की उदासीनता की भेंट चढ़ गई।
सात विधानसभा व दो संसदीय क्षेत्र
जिले में सात विधानसभा क्षेत्र बलहा, पयागपुर, वैâसरगंज, मटेरा, नानपारा, महसी व बहराइच सदर है। यहां पर चार विधायक भाजपा के हैं। एक सीट भाजपा की सहयोगी अपना दल के पास है। दो सीटों पर सपा का कब्जा है। वहीं, बहराइच सुरक्षित व वैâसरगंज सामान्य लोकसभा सीट है। जिले की आबादी करीब ४५ लाख है।