मुख्यपृष्ठस्तंभमुंबई में गहलोत का स्वागत

मुंबई में गहलोत का स्वागत

गजेंद्र भंडारी
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को मुंबई आए थे। इस मौके पर उनका यहां जोरदार स्वागत हुआ। कांग्रेस के कार्यकर्ता न सिर्फ उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट गए, बल्कि बाहर भी स्वागत किया गया। चुनावी माहौल में गहलोत अभी दौरे कर रहे हैं। वह न सिर्फ राजस्थान के कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए, बल्कि दूसरे राज्यों में जाकर भी `इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए प्रचार में जुटे हैं। इसी क्रम में वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए मुंबई दौरे पर थे। यहां उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चुनाव पर विचार-विमर्श किया। इस बार राजस्थान का राजनीतिक माहौल भी काफी गर्म है और कहा जा रहा है कि वहां कांग्रेस इस बार जीतोड़ मेहनत कर रही है। कई उम्मीदवार हैं, जिन्हें खूब जन समर्थन मिल रहा है।
अब चुनाव आयोग से नौकरी की मांग
राजस्थान में सरकारी भर्तियों पर लगी रोक हटाने के लिए अब युवाओं ने चुनाव आयोग से गुजारिश की है। फिलहाल, आचार संहिता लगी है, ऐसे में किसी भी तरह की भर्ती नहीं हो सकती। यही वजह है कि अब युवा चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि भर्ती प्रक्रिया शुरू कराई जाए। बेरोजगारी का आलम क्या है, यह इसी से जाहिर होता है। हालांकि, चुनावी माहौल में भर्ती संभव नहीं है, लेकिन युवा फिर भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। राजस्थान में हाल में एसआई भर्ती प्रक्रिया रद्द की गई थी। इसके अलावा यहां बेरोजगारी भत्ते पर लगी रोक हटाने की भी लगातार मांग की जा रही है। इन दोनों वजहों से राजस्थान के युवा खासे नाराज चल रहे हैं और उन्होंने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। कहा जा रहा है कि इस बार के चुनाव में सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश भर में युवा निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इस चुनाव में युवाओं को भ्रमित या लुभा पाना मुश्किल लग रहा है।
महासभा में दिखाई दी महाशक्ति
रविवार को इंडिया गठबंधन ने दिल्ली में महा सभा रखी थी, जिसमें देश भर के तमाम बड़े नेता शामिल हुए और केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा। इसमें राजस्थान के नेताओं ने भी शिरकत की और महाराष्ट्र के नेताओं ने भी भागीदारी दिखाई। महाराष्ट्र से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे और एमसीपी प्रमुख शरद पवार ने धमाकेदार भाषण दिया। सभी ने एक सुर में जनता से अपील की कि केंद्र की तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकना है और लोकतंत्र को बचाना है। इसके अलावा इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला भी खूब छाया रहा। बताया जा रहा है कि `इंडिया’ गठबंधन की इस महासभा से भाजपा के होश उड़े हुए हैं। खास बात यह कि इस बार पिछले दो चुनावों जैसी लहर नहीं दिखाई दे रही है और मतदाता एकदम चुप्पी साध कर बैठे हैं। इसकी वजह से भाजपा में बेचैनी देखी जा रही है।

अन्य समाचार