६ नेता लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं’
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
भाजपा की वॉशिंग मशीन इन दिनों सुर्खियों में है। इस मशीन की खासियत यह है कि भाजपा की नजरों में जो भी भ्रष्ट नेता है, वह इस मशीन में डाले जाने के बाद बिल्कुल स्वच्छ हो जाता है। कहने का अर्थ है कि भाजपा जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती है, जब वे भाजपा में शामिल होते हैं तो उनके भ्रष्टाचार के दाग धुल जाते हैं। अब एक सनसनीखेज रिपोर्ट के अनुसार, २०१४ से अब तक भाजपा में २५ भ्रष्ट नेता शामिल हुए जिनमें से २३ स्वच्छ हो गए। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इसके लिए भाजपा पर जोरदार हमला बोला है।
मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि २०१४ के बाद से कथित भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करने वाले २५ प्रमुख नेता भाजपा में शामिल हुए। ये नेता कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी जैसे दलों को छोड़कर आए हैं। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के १० नेता रहे, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के केस थे, लेकिन फिर वो भाजपा में शामिल हो गए। २५ में से २३ नेताओं को भाजपा ज्वॉइन करने के बाद राहत मिली है। इन २३ नेताओं में से ३ पर दर्ज केस बंद कर दिए गए हैं, जबकि २० अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे ठंडे बस्ते में चले गए हैं। २५ नेताओं में से ६ नेता लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। इन नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई ठंडी पड़ गई है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल लगातार ये आरोप लगाते आ रहे हैं कि भाजपा एक ‘वॉशिंग मशीन’ बन गई है, जिसमें भ्रष्ट नेताओं के जाते ही उन पर लगे दाग धुल जाते हैं। विपक्ष का कहना है कि भाजपा में शामिल होने पर नेताओं पर दर्ज भ्रष्टाचार के केस बंद हो जा रहे हैं। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, ‘विपक्ष के खिलाफ बीजेपी का राजनीतिक विमर्श : कथित भ्रष्टाचार फिर भी भ्रष्टाचारियों को गले लगाओ। २०१४ के बाद से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे २५ विपक्षी नेता भाजपा में आए और २३ को राहत मिली!’