एसी लोकल में भी बिना टिकट यात्रियों की भीड़
संदीप पांडेय / मुंबई
मुंबई उपनगरीय रेल मुंबई की लाइफलाइन कही जाती है। इसमें रोजाना साढ़े सात लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं। वहीं सालभर में लगभग २.६४ करोड़ यात्री लोकल ट्रेन में यात्रा करते हैं, लेकिन आजकल मुंबईकर लोकल ट्रनों में यात्रा करके काफी परेशान हैं। इसकी मुख्य वजह ट्रेनों में बढ़ती भीड़ है। लोकल ट्रेन का प्रथम श्रेणी और एसी लोकल ट्रेन तक यात्रियों से खचाखच भरे रहते हैं। इसमें कई यात्री ऐसे होते हैं, जो बिना टिकट के भी ट्रेनों में धड़ल्ले से सफर कर रहे हैं।
बिना टिकट यात्रियों में टिकट चेकर द्वारा पकड़े जाने का भी डर नहीं है, क्योंकि उनमें यह सोच घर कर गई है कि अगर वह टिकट चेकर द्वारा पकड़े गए तो वह रेलवे द्वारा निर्धारित फाइन २५० रुपए और अतिरिक्त टिकट का पैसा पे करना पड़ेगा। इन बिना टिकटवाले यात्रियों के चलते टिकट वाले यात्रियों को सफर करने में काफी परेशानियां हो रही हैं।
बढ़ाया जाए टिकट चेकिंग स्टाफ
शुभम तिवारी नाम के एक यात्री ने इस विषय को गंभीर बताते हुए कहा कि पीक ऑवर्स के दौरान प्रथम श्रेणी डिब्बे और एसी लोकल ट्रेन में दिन-ब-दिन बिना टिकट यात्रियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। ट्रेनों में भारी भीड़ के कारण टिकट चेकिंग स्टाफ टिकट चेक नहीं करते, जिसकी वजह से ऐसे यात्री टिकट के प्रति मनबढ़ होते जा रहे हैं। तिवारी ने आगे कहा कि रेलवे को चाहिए कि टिकट किराया के साथ जुर्माना २,००० रुपए तक बढ़ाए, इसके साथ ही प्लेटफॉर्मों और ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ बढ़ाएं ताकि वह यात्रियों के टिकट चेक कर सकें।
फाइन २,००० रुपए करने की मांग
ऐसे में यात्री बिना टिकट यात्रा करनेवाले यात्रियों के लिए फाइन बढ़ाने की मांग की जा रही है, जो लोग टिकट लेकर यात्रा करते हैं उनका कहना है कि अगर रेलवे बिना टिकट यात्रियों की फाइन को २५० रुपए से बढ़ाकर २,००० रुपए कर दें तो यात्री बिना टिकट यात्रा करने की भूल नहीं करेंगे, जिससे लोकल ट्रेन के फर्स्ट क्लास और एसी ईएमयू में भीड़ कम हो जाएगी। वहीं यात्रियों ने यह भी दावा किया कि प्लेटफॉर्मों और ट्रेनों में टिकट चेकर की संख्या जीरो है। कोई भी टिकट चेकर चेकिंग नहीं करता है।