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यूपी में भ्रष्टाचार की हद!…मेनका ने सीओ से कराए वापस रिश्वत के बीस हजार रुपए

विक्रम सिंह / सुलतानपुर

यूपी की सरकारी मशीनरी को भ्रष्टाचार के दीमकों ने छलनी कर रखा है। खुद पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को एससीएसटी एक्ट संबंधित आपराधिक प्रकरण की जांच कर रहे एक डिप्टी एसपी से रिश्वत के तौर पर पीड़ित से ली गई बीस हजार रुपए की रकम वापस करानी पड़ी। ये प्रसंग गांधी ने बुधवार को अपनी एक जनसभा में आमजनों से स्वयं साझा किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सुलतानपुर की सिटिंग सांसद मेनका गांधी पुनः भाजपा से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद इन दिनों अपने दस दिवसीय दौरे पर हैं। वे रोजाना गांव गिरांव में नुक्कड़ सभाओं में आमजनों से रूबरू हो रही हैं। इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को कादीपुर व सदर विधानसभाओं में दर्जनों सभाएं कीं। दोस्तपुर, अखंडनगर व राहुलनगर में उनका लोगों ने जोशीला स्वागत किया। यहां श्रीमती गांधी ने कहा कि मैं भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस रखती हूं। मंगलवार को मेरे आवास पर एक व्यक्ति आए। उन्होंने बताया कि मेरे नाबालिग बेटे का मुकदमे से नाम निकालने के लिए सीओ यानी जांच अधिकारी डिप्टी एसपी डेढ़ लाख रुपए मांग रहे हैं। मैंने बीस हजार दिए हैं। गरीब हूं और पैसे नहीं हैं। मैंने तुरंत सीओ को फोन कर पैसे वापस कराए और बेकसूर का नाम निकालने को कहा। मैं किसी रूप में भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करती हूं। मैंने लगातार सरकारी अफसरों के साथ ब्लॉक मुख्यालय और गांवों में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान कराया। पांच सालों में साठ-सत्तर हजार लोगों की समस्याओं का समाधान कराया है। मुझे हमेशा आपकी फिक्र रहती है। मैं सभी का फोन उठाती हूं। आज विभिन्न कार्यक्रमों में जिला महामंत्री घनश्याम चौहान, आनंद द्विवेदी, ब्लॉक प्रमुख प्रात्येश सिंह बंटी, सर्वेश मिश्रा, राहुल शुक्ला, चंदर प्रताप सिंह, श्रवण मिश्रा, डॉ. वेद प्रकाश सिंह, राजेश सिंह, राजित राम, रमेश चंद्र शर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष आनंद जायसवाल, विजय सिंह रघुवंशी आदि मौजूद रहे।

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