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हिजाब उतारकर मेरी फोटो क्यों खींची? …अमेरिका में दो मुस्लिम महिलाएं पहुंची कोर्ट

पुलिस को भरना पड़ा १७.५ मिलियन डॉलर का जुर्माना
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में मुस्लिम महिलाओं का हिजाब हटवाकर पुलिस को फोटो खींचना काफी महंगा पड़ा है। महिलाओं ने इस मामले में सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। अब मुकदमे के निपटान के लिए सरकार को १७.५ मिलियन डॉलर (१४५ करोड़ रुपए) का भुगतान करना पड़ रहा है।
बता दें किसी आरोपी की फोटो खींचने के साथ उसका फिंगर प्रिंट, लंबाई और वजन जैसी व्यक्तिगत जानकारी भी ली जाती है। मुकदमा दर्ज कराने वाली महिलाओं की पहचान जमीला क्लार्क और अरवा अजीज के तौर पर हुई है। जमीला को ९ जनवरी, २०१७ को गिरफ्तार किया गया था और अरवा को ३० अगस्त को। उन्होंने आरोप लगाए कि अरेस्ट करने के बाद उन्हें सिर से हिजाब हटाने के लिए मजबूर किया गया जिससे उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमीला के पति ने झूठा केस बनाकर उसे अरेस्ट करवाया। आरोप है कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अधिकारियों ने हिजाब न हटाने पर जमीला पर मुकदमा चलाने की धमकी दी। अरवा को भी कथित तौर पर किसी फर्जी मामले में अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि जब हिजाब हटवाकर उनकी फोटो ली गई तो मौके पर ३० से ज्यादा पुरुष वैâदी मौजूद थे जो अरवा को देख सकते थे। महिलाओं की वकील ने कहा कि किसी को अपने धार्मिक कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना, कपड़े उतारकर तलाशी लेने जैसा है। ५ अप्रैल को वित्तीय समझौता दायर किया गया था जिसे बस मैनहट्टन संघीय अदालत की जज एनालिसा टोरेस की मंजूरी की जरूरत है। शहर के कानून विभाग के प्रवक्ता निक पाओलुसी ने एक बयान में कहा कि समझौते की वजह से पुलिस विभाग में सकारात्मक सुधार हुआ और ये सभी पक्षों के हित में है। उन सभी महिलाओं को इस समझौते के तहत पैसा मिलेगा, जिन्हें १६ मार्च २०१४ से २३ अगस्त २०२१ के बीच सिर से हिजाब हटाने को मजबूर किया गया।

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