एस.एन.सिंह / मुंबई
महाराष्ट्र में पुराने भाजपाइयों को ठिकाने लगाकर एकछात्र राज करने वाले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पर कतरने की तैयारी केंद्रीय नेतृत्व ने शुरू कर दी है। इसके संकेत पिछले कुछ दिनों से दिखाई दे रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस के पर कतरने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फडणवीस के कट्टर विरोधी विनोद तावड़े की बताई जा रही है। विदित हो कि देवेंद्र फडणवीस ने विनोद तावड़े का टिकट काटकर उन्हें ठिकाने लगा दिया है। इसके पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से को फडणवीस ने इतना मजबूर कर दिया कि वे भाजपा छोड़ने को मजबूर हो गए थे। इसके अलावा पंकजा मुंडे, स्वर्गीय पांडुरंग फुंडकर आदि को भी फडणवीस ने ठिकाने लगा दिया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार को लोकसभा का टिकट दिलाकर उन्हें भी दिल्ली भेजने की रणनीति में फडणवीस कामयाब हो गए हैं। हालांकि पंकजा मुुंडे को तावड़े के प्रयास से लोकसभा का टिकट मिल तो गया है। लेकिन उन्हें फडणवीस कामयाब होने देंगे, इसमें शंका दिखाई दे रही है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में पंकजा मुंडे को हराने में फडणवीस की भूमिका होने की बात कही जाती है। बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के कट्टर विरोधी एकनाथ खड़से ने कल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पूरी संभावना है कि जल्द ही खड़से की घर वापसी होगी। खड़से की घर वापसी के पीछे भी विनोद तावड़े की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस ने अपनी निजी महत्वाकांक्षा के लिए जिस प्रकार से २५ साल पुरानी शिवसेना से युति को खत्म कराने सहित अन्य प्रकार की जो राजनीति उथल-पुथल संबंधी गतिविधियां की है,यह सब भाजपा हाईकमान को पता चल गई है। यही कारण है भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ने पुराने भाजपाइयों को घर वापस लाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक किरीट सौमैया ने देवेंद्र फडणवीस पर जिस प्रकार सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग सहित अन्य प्रकार के जो आरोप लगाए हैं, वे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही लगाए हैं। भाजपा सूत्रों का दावा है कि लोकसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली भेजा जाएगा। ताकि केंद्र में नरेंद्र और राज्य में देवेंद्र के नारे को खत्म कर भाजपा की अंदरूनी राजनीति को समाप्त किया जा सके।