मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : एक बार फिर बिगड़ी कानून व्यवस्था

राजस्थान का रण : एक बार फिर बिगड़ी कानून व्यवस्था

गजेंद्र भंडारी

बीजेपी की सरकार बनने के बाद लगातार ऐसी घटनाएं घट रही हैं, जिससे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इमेज खराब हो रही है। ताजा घटना मुख्यमंत्री के ही चुनाव क्षेत्र की है। एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ दबंग एक परिवार पर डंडे और पत्थर बरसा रहे हैं। परिवार बचने की कोशिश करते हुए भाग रहा है, लेकिन करीब ४०-५० लोग उनके पीछे चल रहे हैं। जिनके साथ मारपीट की जा रही है, उनमें महिलाएं भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जमीन पर कब्जे को लेकर दबंगों ने इस परिवार के साथ मारपीट की है। यह घटना सुबह से ही सोशल मीडिया पर छाई हुई है। इससे विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है और कहा है कि अगर सीएम के गृहक्षेत्र में कानून व्यवस्था का यह हाल है, तो पूरे प्रदेश में क्या स्थिति होगी। क्या बीजेपी पूरे राज्य में गुंडाराज लाना चाहती है? जब से सरकार बनी है, तभी से राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। अब देखना होगा कि पुलिस और सरकार ऐसी घटनाओं पर वैâसे लगाम लगाती है।
मुंबई से राजस्थान तक छलका दर्द
मुंबई में लाखों प्रवासी राजस्थानी रहते हैं, जो गर्मियों की छुट्टियों और अभी चुनाव के दौरान अपने गांव जाना चाहते हैं। हालांकि, इनके गांव पहुंचने की राह इतनी आसान नहीं है, क्योंकि राजस्थान जाने वाली सभी ट्रेनें खचाखच भरी हैं। ऐसी स्थिति में गांव जाना बहुत मुश्किल है। राजस्थानियों ने सोशल मीडिया पर रेलमंत्री को टैग करके लिखा है कि स्पेशल ट्रेन चलाकर इनकी संख्या बढ़ाएं और राजस्थान जाने वालों को राहत दें। गर्मियों की छुट्टियों में हर साल ऐसी स्थिति बनती है, जब लोग अपने गांव मुश्किल से पहुंच पाते हैं। दरअसल, बस से जाना भी एक विकल्प है, लेकिन बस का किराया इतना ज्यादा होता है कि हर किसी के वश की बात नहीं है इतना किराया देना। ऐसे में ट्रेन सबसे अच्छा और सस्ता माध्यम है, लेकिन टिकट की मारामारी के चलते दिक्कत हो रही है। वैसे चुनाव में वोट डालने के लिए अपने-अपने क्षेत्र के मतदाताओं को उनके प्रत्याशी भी प्रâी में लेकर जाते हैं, लेकिन जो वहां मतदान नहीं करते हैं, उनका क्या?
बसपा उम्मीदवार का हृदय परिवर्तन
लोकसभा चुनाव में बसपा ने भी राजस्थान की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अब तक कहा जा रहा था कि बसपा अपने उम्मीदवार उतारकर बीजेपी का सहयोग कर रही है। बसपा ने इसीलिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं, ताकि कांग्रेस के वोट काट सके। हालांकि, जालौर-सिरोही सीट में मामला कुछ और ही है। यहां से बसपा के उम्मीदवार लाल सिंह राठौड़ पीछे हट गए हैं और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का पैâसला किया है। इसे आश्चर्य के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ साल से मायावती सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोल रही हैं और उन पर आरोप लग रहे हैं कि वे अंदर ही अंदर बीजेपी को सपोर्ट कर रही हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि यह पैâसला पार्टी का है या फिर राठौड़ ने व्यक्तिगत रूप से यह निर्णय लिया है। खैर, जो भी हो इससे कांग्रेस के उम्मीदवार को काफी हद तक फायदा हो सकता है।

अन्य समाचार