महा-संग्राम
रामदिनेश यादव
लोकसभा चुनाव को लेकर महामुंबई में महायुति में सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो पाया है। एक तरफ महायुति में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और शिंदे गुट में ठन गई है, वहीं महाविकास आघाड़ी में बातें सुलझ गई हैं। कल्याण, भिवंडी, ठाणे सीट को लेकर भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट में तनाव है। इसी के साथ प्रचार के कुछ मुद्दों को लेकर भी कोई पैâसला नहीं होने से शिंदे गुट और भाजपा में खट-पट चल रही है।
शिंदे गुट को नाराजगी है कि मुंबई में उन्हें एक सीट दी गई है, जबकि अब भिवंडी सीट पर भी भाजपा दावा कर रही है। भाजपा और शिंदे गुट में चल रहे इस झगड़े का असर उनके कार्यकर्ताओं पर भी पड़ने लगा है। दोनों दलों के कार्यकर्ताओें के बीच अब लगाव खत्म हो रहा है। वे एक-दूसरे से खार खाने लगे हैं अपने मन मुताबिक वोट देने की बात कर रहे हैं।
बता दें कि लोकसभा का चुनाव महायुति और घटक दल मिलकर लड़ने का एलान किया है। इनके बीच सीट बंटवारा भी हो गया है, लेकिन सीट बंटवारे के निर्णय को पार्टी का आम कार्यकर्ता हजम नहीं कर पा रहा है। कई चुनाव क्षेत्रों से तो विरोध भी शुरू हो गए हैं। कई कार्यकर्ता ऐसे भी पैâसले ले रहे हैं कि वे घर बैठ जाएंगे, लेकिन किसी पार्टी में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।
महायुति में इन सीटों पर विवाद
भिवंडी लोकसभा सीट से भाजपा ने उम्मीदवार उतारा है, जिसका शिंदे गुट डटकर विरोध कर रहा है। एक समय इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। २०१४ और २०१९ के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई। यहां से भाजपा को जीत मिली, लेकिन इस सीट पर मराठी वोट बैंक अधिक है। यहां से शिंदे गुट को सीट चाहिए थी, लेकिन भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह शिंदे गुट को हजम नहीं हो रहा है। शिंदे गुट के कार्यकर्ता व पदाधिकारी तक भाजपा के उम्मीदवार का विरोध कर रहे हैं। भाजपा और शिंदे गुट के बीच विवाद शुरू से कायम है। इसी के चलते दक्षिण मुंबई, उत्तर-पश्चिम मुंबई, ठाणे लोकसभा सीट से उम्मीदवार का नाम तय नहीं हो पा रहा है। तीनों सीटों पर शिंदे गुट और भाजपा के बीच विवाद है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने तीन सीटों पर साफ कहा है कि वे शिंदे गुट के उम्मीदवार के लिए काम नहीं करेंगे, वहीं ठाणे लोकसभा से शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भी कहा है कि अगर भाजपा ने उम्मीदवार उतारा तो वे उनके लिए काम नहीं करेंगे।