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चुनावी ड्यूटी ने बना दिया बीमार! …तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं कर्मचारी

अब दूसरे चरण का प्रशिक्षण होगा शुरू

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में स्थित शिक्षा, कृषि, राजस्व, जिला परिषद, पंचायत समिति, महानगरपालिका, नगर पालिकाओं समेत विभिन्न विभागों के करीब पांच लाख कर्मचारियों को राज्य चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के कार्य में लगाने का आदेश दिया है, लेकिन कई कर्मचारी चुनावी ड्यूटी रद्द करने के लिए बीमारी का कारण दे रहे हैं। कुछ कर्मचारी अपने घर में सास-ससुर, बुजुर्ग माता-पिता के बीमार होने अथवा बायपास सर्जरी का हवाला दे रहे हैं। यहां तक कि पति और पत्नी के बीमार होने का कारण देकर यह कह रहे हैं कि उनकी देखभाल करनेवाला कोई और नहीं है। उन्हें समय पर दवा देनी होती है। हद तो यह हो गई है कि कई लोग यह भी कह रहे हैं कि उन्हें तपते सूरज की गर्मी सहन नहीं हो रही है तो कुछ कह रहे हैं कि वे हाल ही में गंभीर बीमारी से उबरे हैं और अभी भी परेशानी हो रही है। इसलिए उन्हें चुनाव ड्यूटी के कामों से मुक्त किया जाए।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की ४८ लोकसभा सीटों पर ५ चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण में यहां वोटिंग १९ अप्रैल को होगी। इसमें राज्य की रामटेक, नागपुर, बांद्रा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर और चंद्रपुर आदि लोकसभा सीटें शामिल हैं। इसी प्रकार दूसरे चरण की वोटिंग राज्य की आठ लोकसभा सीटों बुलढाना, अकोला, अमरावती, वर्धा, यावतमाल-वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी आदि सीटों पर २६ अप्रैल को होगी। तीसरे चरण के चुनाव सात मई को कराए जाएंगे। इसमें राज्य की ११ सीटों रायगढ़ बारामती, धाराशिव, लातूर, सोलापुर, माढ़ा, सांगली, सातारा, रत्नागिरी, कोल्हापुर और हतकांगले आदि को शामिल किया गया है। चौथे चरण में भी यहां ११ लोकसभा सीटों पर चुनाव कराया जाएगा। इसमें नंदुरबार, जलगांव, रावर, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, नगर, शिरडी, बीड़, मावल, पुणे और शिरुर आदि सीटें शामिल हैं। यहां वोटिंग १३ मई को होगी। इसी प्रकार राज्य की बाकी बची १३ सीटों पर २० मई को वोटिंग कराई जाएगी। इनमें धुले, डिंडौरी, नासिक, पालघर, कल्याण, ठाणे, उत्तर मुंबई, उत्तर पश्चिम मुंबई, उत्तर पूर्व मुंबई, उत्तर मध्य मुंबई, दक्षिण मध्य मुंबई और दक्षिण मुंबई आदि सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर मतदान और मतगणना को लेकर पहले चरण का प्रशिक्षण दिया गया है। आखिरी अप्रैल तक दूसरे चरण का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दूसरे चरण के प्रशिक्षण से पहले ही चुनाव ड्यूटी रद्द कराने के लिए कर्मचारी तहसीलदार, प्रतिनिधि के पास आवेदन किए हैं। राज्य के ४८ लोकसभा क्षेत्रों में ९८,११४ मतदान केंद्र हैं। प्रत्येक केंद्र पर कम से कम पांच कर्मचारी होंगे और चुनाव कार्य के लिए कुछ अतिरिक्त कर्मचारियों को भी आदेश दिया गया है। इसमें ऐसे सरकारी कर्मचारी शामिल हैं, जिनकी आयु ५७ वर्ष तक है या सेवानिवृत्ति से छह महीने कम हैं।

सख्त हुआ चुनाव आयोग
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी मामूली वजह से चुनाव ड्यूटी को रद्द की जाती है तो दूसरे लोग भी इसी तरह मांग कर सकते हैं, इसलिए चुनाव आयोग का सख्त रुख है कि किसी की भी ड्यूटी रद्द न की जाए। हालांकि, अगर किसी को बहुत बड़ी और गंभीर समस्या है तो निर्णय जिलाधिकारी स्तर पर लिए जाएंगे। अब प्रांतीय अधिकारियों द्वारा प्राप्त आवेदनों को निवासी उपजिलाधिकारियों को भेज दिया जाएगा। फिलहाल, अधिकतर आवेदनों में बीमारी का कारण ही देखा जाता है।

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