सामना संवाददाता / मुंबई
बेस्ट के लिए बसों की आपूर्ति करनेवाले ठेकेदारों की विफलता के कारण मुंबई की सड़कों पर कम बसें हैं। ऐसे में यात्रियों को बस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। यात्रियों की यह परेशानी बरकरार रहेगी, क्योंकि यह बात सामने आ रही है कि ‘बेस्ट’ की प्लानिंग फेल हो गई है। बस आपूर्तिकर्ताओं ने हाथ खड़े कर दिए हैं, जिससे बेस्ट प्रशासन की प्लॉनिंग फेल होती दिख रही है।
बेस्ट के पास फिलहाल ३,००० बसों का बेड़ा है। फरवरी २०२२ में बेस्ट ने अपने बेड़े को बढ़ाने के लिए ७,००० डबल-डेकर बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके लिए प्रशासन लगातार फॉलोअप कर रहा है। उसके लिए सर्वोत्तम योजना बनाई गई। हालांकि, वह योजना फेल हो गई है। परिणामस्वरूप, सड़क पर चलनेवाली बेस्ट बसों की संख्या कम है। बस आपूर्तिकर्ताओं कंपनी द्वारा बेस्ट को २०० बस स्विच मोबाइल की आपूर्ति की जानी थी। हालांकि, अब तक केवल ४९ बसें ही उपलब्ध कराई गई हैं। १५१ बसें अभी आनी बाकी हैं। बस आपूर्तिकर्ता कंपनी ई कॉसिस की ओर से १०० बसों की आपूर्ति की जानी थी। हालांकि, पिछले छह महीनों से बेस्ट के फॉलोअप के बावजूद बसों की आपूर्ति नहीं की गई है।
सप्लाई करने से इनकार
मिली जानकारी के अनुसार, बस आपूर्तिकर्ता कंपनी कोसिस ने भी बेस्ट को बसें सप्लाई करने से इनकार कर दिया है इसलिए बेस्ट दुविधा में है। बेस्ट की पुरानी बसों का जीवनकाल समाप्त होने पर उन्हें स्व्रैâप किया जा रहा है। उनके स्थान पर नई बसें खरीदी जा रही हैं। हालांकि, बस आपूर्तिकर्ता कंपनियां न केवल इन्हें उपलब्ध कराने में देरी की हैं, बल्कि आपूर्ति करने से इनकार भी कर रही हैं, जिसके कारण बेस्ट के मार्गों पर कम बसें चल रही हैं। ऐसे में यात्रियों की परेशानी बरकरार है।
बसों के लिए प्रतीक्षा समय ३० से ६० मिनट तक बढ़ गया है इसलिए यात्रियों को गर्मी के दौरान लाइन में खड़ा होना पड़ता है। इस गर्मी के मौसम में बेस्ट यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहा है, जो बस आपूर्तिकर्ता कंपनी बसों की आपूर्ति करने में विफल रहती हैं, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
-रवि राजा, पूर्व वरिष्ठ सदस्य, बेस्ट समिति