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देश में पुतिन मॉडल लाना चाहते हैं मोदी …संजय राऊत का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष का भी अत्यधिक महत्व है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानने को तैयार नहीं है। यह संविधान के लिए खतरा हैं। मोदी लोकसभा और विधानसभा विपक्ष मुक्त करना चाहते हैं। कुल मिलाकर मोदी की नीति विपक्ष को खत्म करके देश में पुतिन मॉडल लाना है। झूठ बोलना, विरोधियों को बदनाम करना, उन पर झूठे आरोप लगाना, उन्हें जेल में डालना, धमकियां देना और सभी भ्रष्ट लोगों को अपनी पार्टी में लेना, इस तरह की मोदी विचारधारा संविधान के लिए गंभीर खतरा है। इस तरह का शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला किया।
मीडिया से बात करते हुए संजय राऊत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से प्रधानमंत्री पद की गरिमा को गिराया है वह देश के संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। राजनीति में लोग झूठ बोलते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को मर्यादा रखनी चाहिए। मोदी को प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। हमारी राय है कि उन्हें इतना झूठ नहीं बोलना चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस पर ८० बार संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। इसका भी संजय राऊत ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इसे संविधान तोड़ना नहीं कहते। इसे देश की जरूरतों के हिसाब से बदलाव कहते हैं। ये बदलाव करने की अनुमति डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भी दी है। इसलिए कांग्रेस पर संविधान बदलने का आरोप गलत है।
हर उम्मीदवार महाविकास आघाड़ी है
संजय राऊत ने कहा कि हम सभी जगहों पर एक साथ मिलकर लड़ रहे हैं। हम साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और हर उम्मीदवार महाविकास आघाड़ी है। महाराष्ट्र में ४८ उम्मीदवार महाविकास आघाड़ी के हैं और हम उनके लिए मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा उत्तर मुंबई सीट परंपरागत रूप से शिवसेना की है। अगर शिवसेना वहां लड़ेगी तो १०० फीसदी जीतेगी। लेकिन कांग्रेस ने वह सीट मांगी और हमने बिना किसी शोर-शराबे के वह सीट दे दी।
कांग्रेस ने छोड़ी सीट
सांगली निर्वाचन क्षेत्र के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए संजय राऊत ने कहा कि हम विश्वजीत कदम और विशाल पाटील की भावनाओं को समझते हैं। वह कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं और कई वर्षों से सांगली में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से यहां सांप्रदायिक ताकतों को मजबूती मिली है और सांगली और मिरजे में संघ के लोग निर्वाचित हो रहे हैं। पिछले १० साल से सांगली में भाजपा के सांसद चुने जा रहे हैं और जनता की धारणा है कि अगर उनसे मुकाबला करना है तो शिवसेना उम्मीदवार को वहां लड़ना होगा। इसीलिए डबल महाराष्ट्र केसरी चंद्रहार पाटील को उम्मीदवार बनाया है और शिवसेना उनके पीछे खड़ी है। वहां राकांपा ने समर्थन दिया है और कांग्रेस ने भी वह सीट शिवसेना के लिए छोड़ दी है।

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