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भाजपा का ये कैसा राज? … ड्रग्स आरोपी को फडणवीस की पुलिस का संरक्षण! …आरोपी को बचाने के लिए गृह विभाग ने किया केस बंद

कोर्ट ने दिया जांच का आदेश
सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा राज में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह विभाग एक ड्रग्स तस्कर को बचाने में जुटा हुआ है। इसके तहत गृह विभाग के कुछ अधिकारी ड्रग्स तस्करी और फर्जी वाड़े से जुड़े आरोपी को बचा रहे हैं। आरोपी के खिलाफ विनयभंग का मामला भी दर्ज हुआ है जिसमें पीड़िता द्वारा सारे सबूत दिए जाने के बावजूद भी समरी फाइल किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में पीड़ित द्वारा कोर्ट में पुन: शिकायत किए जाने के बाद कोर्ट ने मुंबई पुलिस को पुन: जांच कर रिपोर्ट फाइल करने का आदेश दिया है। विशेष बात यह है कि इसी आरोपी को बचाने के लिए जांच अधिकारी आरोपी और उसके वकील के साथ होटल में मीटिंग करते पकड़े गए थे। इतना ही नहीं, गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत हेतु व्हॉट्सऐप के माध्यम से कागजात उपलब्ध कराए थे।
बता दें कि जनवरी २०२४ में राजस्थान के कोटा के रहनेवाले आरोपी आशीष बंसीलाल डागा को मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था। उस समय मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के जांच अधिकारी द्वारा आरोपी को २४ घंटे बाद कोर्ट में हाजिर किया गया, जिसके कारण कोर्ट ने आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया था। उस दौरान संदेह व्यक्त किया गया था कि ड्रग्स कारोबार से जुड़े इस आरोपी ने जांच अधिकारियों को ऐसी क्या पट्टी पढ़ाई कि ड्रग्स जैसे डेंजरस मामले में उसकी जमानत हो गई।
आरोपी के खिलाफ एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में विनयभंग का मामला भी दर्ज है। उस समय शिकायत दर्ज कराने वाली लड़की के घर पर गुंडों को भेजकर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला गया था। उस समय लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज भी कराई थी। आरोप यह भी है कि इस मामले में भी आरोपी ने पैसे के बल पर मामले को दबा दिया। इस मामले मे भी अभी तक पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नतीजतन, पिछले महीने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में पुलिस ने भी समरी फाइल कर केस बंद कर दिया। लेकिन इस मामले में अब पीड़ित महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर सारे सबूत मुहैया कराए, जिसके बाद अब कोर्ट ने इस मामले में पुन: जांच का आदेश दिया है। इससे आरोपी के साथ ही जांच अधिकारी की मुश्किलें बढ़ना तय है। मुंबई की रहने वाली सुनीता दमानी ने आरटीआई के माध्यम से आरोपी से जुड़ी एक जानकारी निकाली। दरअसल, आरोपी और उसके पिता ने फर्जी कागजात तैयार कर सुनीता के नाम से तीन बार लोन निकाले थे। इसकी शिकायत मलबार हिल पुलिस स्टेशन में पिछले वर्ष अगस्त मे दर्ज की गई थी, लेकिन आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था। इस मामले में तत्कालीन डीसीपी को जानकारी मिली थी कि जांच अधिकारी आरोपियों के साथ मिला हुआ है, जिसके बाद कुछ अधिकारियों की टीम नाना चौक स्थित एक होटल में अचानक पहुंची तो जांच अधिकारी और आरोपी के वकील को साथ पाया गया, जिसके बाद जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश तत्कालीन अपर पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत ने दिया था।

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