– सपा ने उम्मीदवार बदला… भीम की जगह राम भुआल को उतारा
– बसपा भी प्रत्याशी लेकर आ गई मैदान में
विक्रम सिंह / सुलतानपुर
दो बार से लगातार सुलतानपुर से विजय प्राप्त कर रही भाजपा को इस बार विपक्ष ने ‘चक्रव्यूह’ में उलझा करके मेनका गांधी के संसद पहुंचने की राहें मुश्किल कर दी हैं। इंडिया गठबंधन की ओर से इस सीट पर सपा ने पैंतरा बदलते हुए अपने पूर्व घोषित उम्मीदवार भीम निषाद की जगह आक्रामक राजनीति के लिए चर्चित सीएम योगी के इलाके गोरखपुर के मूल निवासी पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद को उतार दिया है, वहीं विपक्षी चक्रव्यूह में बसपा ने भी पिछड़ा कार्ड खेल दिया है। ऐन वक्त पर बसपा प्रमुख मायावती ने यहां से कुर्मी समुदाय के धनवान और जमीनी कार्यकर्ता उदराज वर्मा को टिकट देकर पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के लगातार नवीं बार संसद पहुंचने की राह में रोड़े अटका दिए हैं।
बता दें कि अवध क्षेत्र में अयोध्या के पड़ोस में स्थित सुलतानपुर संसदीय सीट २०१४ से ही भाजपा के पास है। पहले यहां से वरुण गांधी सांसद हुए और २०१९ में भाजपा ने उन्हें पीलीभीत शिफ्ट कर उनकी मां मेनका गांधी को यहां से उतारा। उन्हें बीते चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा उम्मीदवार चंद्रभद्र सिंह के समक्ष करीबी मुकाबले में मात्र १४ हजार वोटों से ही जीत मिल पाई थी। अब एक बार फिर सपा-बसपा अपने अपने उम्मीदवार उतारकर सुलतानपुर के रणक्षेत्र को रोमांचक बना दिया है। बसपा ने कुर्मी उम्मीदवार उदराज वर्मा को उतारकर भाजपा के वोटों में तगड़ी सेंधमारी का प्लान बनाया है। दलित और कुर्मी के वोटों के साथ उसे उम्मीद है कि मुस्लिम समुदाय भी उसे जमकर वोट करेंगे। इधर भीम निषाद का टिकट बदलकर सपा ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर यूपी सरकार के पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद को उतार लड़ाई को आक्रामक बना दिया है। लगभग दो लाख निषाद आबादी वाले जिले में तकरीबन अस्सी प्रतिशत निषाद मत गठबंधन को मिलने का दावा किया जा रहा है। यदि ऐसा हुआ तो मुस्लिम और यादव मतों का ध्रुवीकरण सपा के पक्ष में होना तय है। फिलहाल, अब सुलतानपुर की जंग में भाजपा की मेनका फंसती दिख रही हैं।