सूचना प्रसारण मंत्रालय की शिकायत पर कंपनी ने किए ब्लॉक
सोशल मीडिया पर सरकार के इस कदम की लोग कर रहे हैं थू-थू
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
चुनाव के वक्त मोदी सरकार अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। मोदी सरकार की शिकायत पर दो लोकप्रिय यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया गया है। जिन दो हिंदी समाचार चैनलों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, वे ‘बोलता हिंदुस्तान’ और ‘नेशनल दस्तक’ हैं, जिनके क्रमश: ३ लाख से अधिक और ९४.२ लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। इन चैनलों के ब्लॉक किए जाने के बाद लोग सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार की थू-थू कर रहे हैं।
इन चैनलों के मालिकों को भेजे गए ईमेल में, यूट्यूब ने खुलासा किया कि सूचना प्रसारण मंत्रालय से उसे जो ब्लॉकिंग अनुरोध मिले थे, उनमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, २००० की धारा ६९ए और सूचना प्रौद्योगिकी २०२१ (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) के नियम १५(२) का इस्तेमाल किया गया था। इन चैनलों को ब्लॉक किए जाने के बाद कहा जा रहा है कि सरकार तानाशाही भरे पैâसले ले रही है। सरकार वैकल्पिक मीडिया को चुप करवाना चाहती है। जो पत्रकार सवाल करते हैं, कमियां गिनवाते हैं, आलोचना करते हैं, आंदोलनों की आवाज उठाते हैं, उनकी आवाज बंद करवाना चाह रही है। गूगल लीगल सपोर्ट की तरफ से आया ईमेल कहता है कि ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देश’ पर कार्रवाई की जा रही है, आपका चैनल यूट्यूब से हटा दिया गया है। सन् २००० और सन २०२१ में लागू हुए ब्रॉडकास्ट नियमों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए ये कदम लिया गया है। आगे बताया जाता है कि कॉन्फिडेंशियल रखने का निर्देश दिया गया है, इसलिए हम आपके साथ यह नोटिस साझा नहीं कर सकते। चौथे पैराग्राफ में इस कार्रवाई की वैधानिकता के संदर्भ में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से बात करने का सुझाव दिया गया है, इसके साथ मंत्रालय का एक ईमेल भी लिखा हुआ है।