मुख्यपृष्ठनए समाचारराज्य सरकार को हाई कोर्ट से झटका ...जीटीबी नगर की २५ इमारतों...

राज्य सरकार को हाई कोर्ट से झटका …जीटीबी नगर की २५ इमारतों के पुनर्विकास पर लगी रोक

१,२०० परिवारों के सपनों पर फिरा पानी

नागेंद्र शुक्ला / मुंबई
राज्य सरकार को झटका देते हुए मुंबई हाई कोर्ट ने सायन कोलीवाड़ा के जीटीबी नगर के २५ इमारतों के १२ सौ घरों के क्लस्टर डेवलपमेंट पर रोक लगा दी है। क्लस्टर डेवलपमेंट का निर्णय राज्य सरकार की बैठक में लिया गया था और यह डेवलपमेंट म्हाडा द्वारा कराने के निर्णय के विरोध में लखानी हाउसिंग कॉर्पोरेशन नामक कंपनी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने पुनर्विकास पर रोक लगा दी है। खंडहर में तब्दील इन इमारतों के १,२०० परिवारों के अपने घरों के सपने पर पानी फिर गया है।
 सरकार के निर्णय पर लगी रोक 
गौरतलब है कि सायन कोलीवाड़ा के जीटीबी नगर में शरणार्थी वैंâप की २५ इमारतों को मनपा ने कुछ वर्ष पहले जर्जर इमारत का हवाला देकर उन्हें ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद १,२०० परिवार सड़क पर आ गए थे। कई साल बीतने के बाद किसी ने भी इन इमारतों की सुध नहीं ली थी। वहीं लखानी हाउसिंग कॉर्पोरेशन कंपनी ने कई वर्षो से इन इमारतों के पुनर्विकास का काम करते कई सोसायटियों को एकत्र कर उनका कंसर्न किया है, ऐसा दावा कंपनी ने किया। चुनाव के मद्देनजर कुछ सदस्यों की टीम ने म्हाडा से डेवलपमेंट की मांग की थी, जबकि किसी सोसाइटी ने पुनर्विकास की मांग नहीं की थी। इसी का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा की पुनर्विकास सोसायटी की मांग पर होता है सदस्यों की मांग पर नहीं, जिसके बाद कोर्ट ने पुनर्विकास पर रोक लगा दी है।
जल्द ही आगे का काम करेंगे: म्हाडा 
इस बारे में म्हाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय सदस्यों ने एकजुट होकर म्हाडा से डेवलपमेंट की मांग की थी, उसी के बाद म्हाडा ने राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा था, राज्य सरकार ने पुनर्विकास की मुहर लगाई थी। हम कोर्ट को जल्द ही सोसायटियों की कंसर्न और एफिडेविट प्रस्तुत कर आगे काम करेंगे।

अन्य समाचार

गूंज