मुख्यपृष्ठनए समाचारराहुल की अगवानी में सजने-संवरने लगा अमेठी का कांग्रेस दफ्तर !

राहुल की अगवानी में सजने-संवरने लगा अमेठी का कांग्रेस दफ्तर !

– अमेठी से चुनाव लड़ने की है सुगबुगाहट

विक्रम सिंह / अमेठी

गांधी परिवार की कर्मस्थली अमेठी में जिला कांग्रेस कमेटी दफ्तर और गेस्ट हाउस सजने- संवरने लगा है। दीवारों पर तेजी से रंग-रोगन चल रहा है। सुगबुगाहट है कि वायनाड में मतदान संपन्न होते ही कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी अमेठी आ सकते हैं। सुगबुगाहट और चर्चा ये भी है कि वे एक बार फिर यहां से लोकसभा के लिए चुनावी ताल ठोंक सकते हैं, जिसे लेकर अमेठी की मौजूदा सांसद व उम्मीदवार स्मृति ईरानी के खेमा सहमा हुआ है।
फिलहाल, लोकसभा का चुनावी बिगुल बजने के बाद से बतौर प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुनाव प्रचार में जुटी हैं, जबकि कांग्रेस ने यहां अभी तक उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। अलबत्ता चर्चा जोरों पर है कि राहुल स्वयं या गांधी परिवार का ही कोई शख्स चुनाव मैदान में उतरेगा। इधर दो दिनों से इन चर्चाओं को बल तब मिलने लगा, जब जिला कांग्रेस कार्यालय गौरीगंज और गेस्ट हाउस में रंग-रोगन तेजी से शुरू हो गया। मजदूर लगातार जुटे हुए हैं। लॉन में उगी हुई घास की कटाई, सफाई, पेंटिंग और दरवाजों को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। कांग्रेसी उत्साहित हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है। कांग्रेसी दबी जुबान कह रहे हैं कि गांधी परिवार जल्द ही अमेठी में चुनावी अभियान का श्रीगणेश करेगा।

पांच साल से बंद पड़ा है गांधी परिवार का गेस्ट हाउस
अमेठी जिला मुख्यालय गौरीगंज के कांग्रेस कार्यालय में ही गेस्ट हाउस है, जिसमें गांधी परिवार के लोग चुनाव के दौरान रात्रि विश्राम करते थे। गत लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल व गांधी परिवार प्रवास में यहीं रात्रि विश्राम करता था, लेकिन चुनाव में मिली शिकस्त के बाद गेस्ट हाउस में ताला लग गया। पार्टी के जिला प्रवक्ता डॉ. अरविंद चतुर्वेदी व पूर्व प्रवक्ता मुन्ना सिंह त्रिसुंडी उत्साहित हैं। दोनों कहते हैं कि गांधी परिवार के लिए घर जैसी है अमेठी। राहुल-प्रियंका कभी भी यहां आ सकते हैं, घर आने के लिए कोई औपचारिकता या तैयारी की जरूरत नहीं। भादर निवासी युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव अशोक सिंह हिटलर का कहना है कि इस बार राहुल को अमेठी से चुनाव में उतरने की पूरी उम्मीद है। इसी कारण स्मृति का खेमा दहशत में है।

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