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पानी की मांग को लेकर 10 बूथों पर मतदान का बहिष्कार

रमेश सर्राफ धमोरा / झुंझुनू

यमुना पानी की मांग को लेकर राजस्थान में झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र के पिलानी क्षेत्र के सात गांवों के 10 बूथों पर ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार किया गया, जिसके चलते हमीनपुर, बनगोठड़ी कलां और ढक्करवाला के पांच बूथों पर इसका पूरा, गाडोली, केहरपुरा और धींधवा बिचला के एक-एक बूथ पर लगभग पूरा और गाडोली एक बूथ पर आंशिक असर देखने को मिला। दिनभर मतदानकर्मी मतदाताओं का इंतजार करते रहे, लेकिन मतदाता नहीं आए।
जिन पांच बूथों पर एक भी मतदाताओं ने वोट नहीं डाला, उनमें मतदानकर्मियों ने ही मतदान करके खाता खोला। जिन पांच बूथों पर जीरो मतदान मतदाताओं का रहा, उनमें ढक्करवाला का एक बूथ, हमीनपुर के दो बूथ और बनगोठड़ी कलां के दो बूथ शामिल हैं। इनमें ढक्करवाला में चार वोट डाले गए। इनमें तीन मतदानकर्मी थे और एक बीएलओ ने वोट डाला। स्थानीय मतदाताओं की संख्या जीरो रही। इसी तरह हमीनपुर के दोनों बूथों पर चार-चार वोट डाले गए। ये चारों के चारों वोट मतदानकर्मियों के थे। यहां पर भी स्थानीय मतदाताओं की संख्या जीरो रही। इसी तरह बनगोठड़ी कलां कलां के एक बूथ पर तीन और एक बूथ पर चार वोट डाले गए। ये भी वोट मतदानकर्मियों के थे। इन तीन गांवों के पांच बूथों पर एक भी मतदाता ने वोट नहीं डाला। इसी तरह गाडोली गांव में दो बूथ थे। इनमें से एक बूथ पर छह वोट डाले। इनमें चार मतदानकर्मी, एक सेक्टर आफिसर का वोट शामिल है, जबकि एक वोटर भी वोट डालने पहुंचा। गाडोली के दूसरे बूथ में भी गांव के लोगों ने तो वोट नहीं डाले, परंतु पास के पुरोहितों का बास के वोट भी इसी बूथ पर थे। इसलिए वहां से 62 वोटरों ने और तीन मतदानकर्मियों ने वोट डाले। कुल मतदान यहां पर 65 रहा। बिशनपुरा गांव में तीन मतदानकर्मी और एक वोटर ने, धींधवा बिचला में चार मतदानकर्मियों और दो वोटरों ने, केहरपुरा में दो मतदानकर्मियों और पांच वोटरों ने वोट डाला।
हमीनपुर समेत सात गांवों के 10 बूथों पर चल रहे मतदान बहिष्कार पर समझाइश करने प्रशासनिक अधिकारी हमीनपुर गांव पहुंचे। चुनावों के लिए पिलानी व सूरजगढ़ विधानसभा के प्रभारी सीनियर आरएएस अम्बालाल मीणा, सूरजगढ़ एसडीएम दयानंद रूयल और पिलानी बीडीओ सुनिल ढाका समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। जब अधिकारी समझाइश कर रहे थे, उसी वक्त वार्ता में पिलानी विधायक पितराम काला पहुंच गए। जिसके बाद अधिकारी तो चले गए, लेकिन पिलानी विधायक पितराम काला ने समझाइश की कोशिश की। यहां पर ग्रामीणों ने पिलानी विधायक को खरी-खोटी सुनाई और कहा कि अब तक आप कहां थे। ग्रामीणों ने बताया कि आज पांच-छह बार अधिकारी आ चुके हैं, लेकिन हमें यमुना जल चाहिए या फिर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए कुंड की स्वीकृति चाहिए। जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक वोट नहीं डाले जाएंगे। इधर, ग्रामीणों ने बताया कि गांव के वे लोग, जो बाहर रहते हैं उन्होंने भी गांव के आंदोलन के समर्थन में अपनी जगहों पर मतदान का बहिष्कार कर रखा।
सात गांवों के 10 बूथों पर मतदान का बहिष्कार किया गया। इतने बड़े स्तर पर मतदान का बहिष्कार संभवतया ना केवल झुंझुनू में, बल्कि राजस्थान में पहली बार हो रहा है। एक-दो बूथों पर तो बहिष्कार की खबरें तो कभी-कभार सामने आ ही जाती है, लेकिन 10 बूथों पर पंजीकृत 9,070 मतदाताओं का मतदान के लिए बहिष्कार की खबर न केवल पहली बार मिली, बल्कि बहिष्कार का असर भी दिखा। जानकारी के मुताबिक, पिलानी इलाके के गाडोली, बनगोठड़ी कलां, बिशनपुरा, हमीनपुर, धींधवा बिचला, केहरपुरा तथा ढक्करवाला गांव के लोगों ने यमुना के पानी की मांग को लेकर वोटों का बहिष्कार किया, जिसके कारण सुबह से शाम तक इन 10 बूथों पर पोलिंग पार्टी मतदाताओं का इंतजार करती रही। ग्रामीणों ने बताया कि वे 17 जनवरी से आंदोलन कर रहे हैं। धरना दिया, प्रदर्शन किया, कलेक्टर से मिले और सीएम से भी मिले, लेकिन कोरे आश्वासन मिले हैं। इसलिए ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का फैसला लिया है। आपको बता दें कि इन 10 बूथों पर कुल 9,070 पुरुष और महिला मतदाता थे।

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