अनिल मिश्रा
जग में अलग-अलग तरह के लोग हैं, जो तरह-तरह से समाज का कार्य करते हुए समाज के सिपाही की भूमिका निभाते हैं। उन्हीं में से एक जगन सिंह राजपूत भी हैं। जगन बिजली विभाग द्वारा ठगे गए लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं। बिजली विभाग के प्रति उनके अधिकार क्या हैं? उसके प्रति लोगों में जनजागृति पैदा करने का काम कर रहे हैं। एक हजार के करीब उपभोक्ताओं को बिजली विभाग की परेशानी से छुटकारा भी दिला चुके हैं। करीबन एक दर्जन भ्रष्ट अधिकारियों को आर्थिक दंड भी दिलवा चुके हैं। ऐसे जनहित कार्य करते समय बिजली विभाग की आंखों की किरकिरी भी बन रहे हैं।
जगन सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी शिक्षा सिर्फ छठवीं तक ही हो सकी। कम शिक्षित होकर भी कानूनी ढंग से बिजली विभाग के अच्छे पढ़े-लिखे लोगों से लड़ाई लड़कर बिजली उपभोक्ता को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं। जगन ने बताया कि मैं वर्ष १९७५ में अकोला जिले की तहसील तेलारा के गांव दानापुर से शहाड स्थित सेंच्युरी रेयान में आ गया। सेंच्युरी रेयान में बड़े भाई काम पर थे। उनके सहयोग से बेगारी (हेल्पर) में लग गया। धीरे-धीरे चार्जमैन बना। विजली विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद भी बिजली विभाग से परेशान लोग अधिक बिल व मीटर रीडिंग में हेरा-फेरी करने की शिकायत लेकर आने लगे। जगन ने बताया कि बिजली विभाग के अंधाधुंध कारोबार के खिलाफ माहिती अधिकार, लोकपाल ग्राहक न्याय मंच की तरफ से कई अधिकारियों को आर्थिक तौर से दंडित कराते हुए उन्हें आधिकारिक नोटिस भी दी गई। बिजली विभाग के इस अन्याय कारक लड़ाई में समय व निजी पैसा भी खर्च होता हैं, परंतु लोगों को जब लंबी लड़ाई के बाद न्याय दिलाने में सफल होते हैं तो उन्हें बिजली विभाग के उपभोक्ता से अधिक प्रसन्नता होती हैं। जगन ने कहा कि अन्याय करने वाले लोगों के कारनामे को भी उजागर कर बिजली विभाग को भी फायदा करवा कर दिया हूं। शहर में वर्षों से लावारिश पड़े केबल, पोल जिसकी लाखों रुपए कीमत रही होगी। ऐसे लावारिश पड़ी राट्रीय संपत्ति के नुकसान के प्रति वरिष्ठ लोगों से शिकायत कर गोडाउन में रखने को कहा। ऐसा करने से जहां एक तो रास्ते में पड़े सामान, पोल की रक्षा हुई, वहीं दूसरी तरफ आने-जाने वाले लोगों को सुरक्षित भी किया। इस सेवा कार्य के साथ परिवार की देखभाल किया और बेटे विक्रम को बीकॉम तो बेटी को वकालत की पढ़ाई पढ़वाई।