सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव के बाद अजीत पवार, एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी राज्य में नहीं दिखाई देगी। लोकसभा चुनाव खत्म होने तक भाजपा उन्हें भाजपा निगल चुकी होगी और डकार भी ले चुकी होगी। प्रकाश आंबेडकर राजनीतिक भविष्य को अच्छी तरह समझते हैं। भाजपा और उनके साथ शामिल गुट में किसी तरह से कोई तालमेल नहीं है। उन्हें चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। कई लोग उम्मीदवारी लेने से साफ इनकार कर रहे हैं। इसलिए कई सीटों पर उनके प्रत्याशियों के नामों की घोषणा तक नहीं हुई है। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने सांगली में पत्रकार परिषद में विश्वास जताते हुए कहा कि सांगली की सीट महाविकास आघाड़ी ही जीतेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि महाविकास आघाड़ी में किसी तरह का कोई भी विवाद नहीं है। प्रदेश में सभी ४८ सीटों पर हम एक साथ महाविकास आघाड़ी के रूप में लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदर्भ में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी हैं, वहां शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे चुनाव प्रचार में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। हमारे पक्ष का और उनके पक्ष का प्रत्याशी है, ऐसा कुछ भी नहीं है, सभी प्रत्याशी महाविकास आघाड़ी के ही हैं। संजय राऊत ने कहा कि विशाल पाटील इस बात को समझते हैं। मुझे भरोसा है कि वे अपने दादा वसंतदादा पाटील से अलग नहीं सोचेंगे। वे महाविकास आघाड़ी परिवार से हैं। हमारा उनसे अच्छा संवाद है। यह लोकतंत्र है, सबकी अलग-अलग सोच, भावनाएं हैं। इसलिए हम उनसे चर्चा करेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे।
हार के एहसास से
उम्मीदवारी ले ली होगी वापस
संजय राऊत ने कहा कि नासिक में महायुति ने चाहे कोई भी उम्मीदवार उतारा हो, बढ़त तो शिवसेना के उम्मीदवार ने ही बनाई है। उन्होंने यह भी खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली होगी क्योंकि उन्हें एहसास हुआ होगा कि वे नासिक से नहीं जीत सकते। उन्होंने यह भी साफ किया कि जो भी हमारे खिलाफ उम्मीदवार उतरेगा, उसे अपनी जमानत बचाने की कोशिश करनी होगी।
भाजपा को सता रहा पराजय का भय
मैं निधि देता हूं, आप टक-टक बटन दबाओ, इस तरह का बयान देकर अजीत पवार ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस तरह से धमकी और आतंक पैâलाया जा रहा है, जबकि चुनाव आयोग आंखों पर पट्टी बांधे हुए बैठा हुआ है, यह लोकतंत्र का दुभार्ग्य है। प्रधानमंत्री का महाराष्ट्र दौरा बढ़ रहा है। इस पर संजय राऊत ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लग रहा भय अब साफ दिखाई दे रहा है। पराजय के भय से उनका पैर हिल रहा है। इसलिए राज्य में उनके दौरे बढ़ गए हैं।