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रांची में कल न्याय उलगुलान महारैली …देशभर के विपक्षी नेताओं का होगा महाजुटान

अनिल मिश्र /रांची

आई एन डी आई यानी इंडिया गठबंधन की उलगुलान महारैली 21अप्रैल रविवार को प्रस्तावित है। इस महारैली का आयोजन झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा में प्रभात तारा मैदान में किया जा रहा है। कल की इस महारैली की तैयारी अंतिम चरण में है। इस महारैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए इंडिया एलायंस के कार्यकर्ता कमर कस लिए हैं। बिहार और झारखंड में बढ़ती गर्मी के तपिश और लू के थपेड़े में रैली की सफलता को लेकर एक आम कार्यकर्त्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक पसीना बहा रहे हैं। कल आयोजित इस उलगुलान महारैली झारखंड के इतिहास में पहली बार विपक्षी दलों के नेताओं का महाजुटान भगवान बिरसा की इस पावन धरती पर देखने को मिलेगा। कल के इस महारैली में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी एवं  प्रियंका चतुर्वेदी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव, पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव, पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, आप के ही वरिष्ठ नेता संजय सिंह, वाममोर्चा के सीताराम येचुरी, भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, दक्षिण के बड़े नेता एम के स्टालिन सहित पं बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने की संभावना है। इसके लिए इंडिया गठबंधन खास कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के तरफ से इन लोगों को नेवता भेजा गया है। जिसमें अधिकांश नेताओं ने लोकसभा चुनाव प्रचार में व्यस्तता के बावजूद इस महारैली में आने के लिए हामी भर दी है। इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया की देश भर के सभी विपक्षी दलों के सभी नेताओं की आने की संभावनाएं हैं। इस महारैली में पांच राज्य झारखंड, बिहार, पं बंगाल, उड़िसा और उत्तर प्रदेश से लगभग चार लाख लोगों कि पहुंचने की उम्मीद है। झामुमो महासचिव ने बताया कि उलगुलान महारैली में आदिवासी-मूल वासी, झारखंड की अस्मिता से जुड़े़ लोग, एचईसी के कर्मचारी, किसान, मजदूर, ठेला-खोमचा वाले, हाट-बाजार से रोजी रोटी कमाने वाले सहित समाज के सभी वर्ग, धर्म के लोग कल इस महारैली में अपने अपने साधन से पहुंचेगे। यह झारखंड प्रदेश 1855 के स्वतंत्रा संग्राम का साक्षी वाला है। यहां चुआड़ विद्रोह, कोल विद्रोह, तमाड़ विद्रोह जैसे उलगुलान हुए हैं। उसी तरह कल 21अप्रैल को भी देश के तानाशाही शासन को हटाने के लिए उलगुलान होगा।

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