मुख्यपृष्ठस्तंभबब्बा बोलो ना... रोने लगा कैंडिडेट

बब्बा बोलो ना… रोने लगा कैंडिडेट

अरुण कुमार गुप्ता

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के पहले यूपी के अलीगढ़ से एक हैरान कर देनावाला वीडियो सामने आया है। अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी और पूर्व सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह ने डीएम ऑफिस के बाहर जमीन पर लेटकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सपा प्रत्याशी फूट-फूटकर रोते हुए भी नजर आए। उनकी नाराजगी थी कि बीएलओ द्वारा पर्चियों को नहीं बांटा जा रहा है। पूर्व सांसद और सपा प्रत्याशी के साथ आए सपा कार्यकर्ताओं ने भी कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। चौधरी बिजेंद्र सिंह ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, `मतदाताओं को वोटिंग से दूर करने की बड़ी साजिश रची जा रही है। यही कारण है पांच विधानसभा में जब वह मीटिंग कर रहे हैं तो उनके पास वोटर आकर उन्हें मतदान पर्ची न मिलने का हवाला दे रहे हैं। लाखों की संख्या में वोटरों के पास अभी तक मतदान पर्ची नहीं पहुंची है। अपनी इसी शिकायत को लेकर पूर्व सांसद और सपा प्रत्याशी के साथ आए सपा कार्यकर्ताओं ने भी कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। सपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया, `उनके खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। लोगों का समर्थन जब समाजवादी पार्टी को मिलता दिख रहा है तभी विपक्ष के द्वारा एक बड़ा प्रोग्राम सेट करते हुए साजिश रच डाली है। साजिश के तहत उनको चुनाव हराने के लिए बड़े स्तर पर प्रशासन भी सम्मिलित है।

बैकफुट पर पल्लवी पटेल!
लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। दूसरे चरण के मतदान से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग ही उठापटक का दौर देखने को मिल रहा है। अखिलेश यादव के पीडीए के सामने पीडीएम का नारा लगाने वाली पल्लवी पटेल बैकफुट पर आ गई हैं। पहले चरण के मतदान के बाद अब २६ अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले गठबंधन में शामिल ओवैसी ने उन्हें अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न देने से इनकार कर दिया और अब सिंबल को लेकर दायर की गई उनकी याचिका को हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। वहीं चुनाव में उतरे प्रत्याशियों के सामने सिंबल को लेकर भी असमंजस बना हुआ है। हालांकि, पीडीएम लगातार अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहा है और हाल ही में बरेली के प्रत्याशी ने लिफाफा को लेकर अपना नामांकन फाइल किया था, जोकि वैंâसिल हो गया और अब वह प्रâी सिंबल के लिए प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले पल्लवी पटेल ने दो चरणों की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद १३ अप्रैल को सात सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए। इनमें बरेली, हाथरस, फिरोजाबाद, रायबरेली, फतेहपुर, चंदौली शामिल हैं। बरेली के प्रत्याशी रियासत यार खां का पर्चा सिंबल न मिल पाने की वजह से वैंâसिल हो गया। अब ऐसे में पार्टी को हर सीट के लिए चुनाव चिह्न की मांग करनी पड़ेगी। जहां पर `लिफाफा’ चुनाव चिह्न जारी नहीं हुआ होगा वहां पर दूसरे चुनाव चिह्न के जरिए लड़ना होगा।

किन्नरों ने पढ़ाया मतदान का पाठ
आज किन्नर समाज लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, साथ ही लोगों को मतदान के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। संगम नगरी प्रयागराज में थर्ड जेंडर यानी किन्नर समाज के लोग मतदान को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसी कड़ी में सिविल लाइंस इलाके में जागरूकता रैली निकाली गई। किन्नर अखाड़े से जुड़े संतों की इस रैली में लोगों को लोकतंत्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया गया और साथ ही मतदान के दिन वोट जरूर डालने की शपथ भी दिलाई गई। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां की अगुवाई में निकाली गई इस जागरूकता रैली में बड़ी संख्या में थर्ड जेंडर के लोग शामिल हुए। प्रयागराज के शहरी इलाके में वैसे भी बेहद कम मतदान होता है। ऐसे में उम्मीद यह जताई जा रही है कि किन्नर समाज के लोगों की यह मुहिम इस बार के चुनाव में जरूर रंग लाएगी और प्रयागराज के लोग भी वोट डालने के मामले में इस बार फर्स्ट डिविजन जरूर पास होंगे।

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