‘जय भवानी’ पर चुनाव आयोग के नोटिस पर उठाए सवाल
सामना संवाददाता / जम्मू
जम्मू में विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुचर्चित बयानों तथा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वैंâपेन सांग में ‘जय भवानी’ को लेकर चुनाव आयोग के नोटिस की कड़ी निंदा की गई है।
जम्मू में कल संयुक्त तौर पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में विभिन्न दलों के नेताओं ने एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के घोषणा पत्र का हवाला देते हुए जमीन, सोना और सारी संपत्ति को घुसपैठियों और अधिक बच्चे पैदा करनेवालों में बांटने को हेट स्पीच बताया। प्रधानमंत्री ने मंगलसूत्र का भी जिक्र किया, जो हमारी माताओं और बहनों का सम्मान है और कहा कि मंगलसूत्र भी सुरक्षित नहीं रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि पहले चरण में अपने हक में मतदान नहीं होने के कारण भाजपा अपने चिर-परिचित नफरत भरे भाषण पर उतर आई है। नरेंद्र मोदी द्वारा अपने भाषणों में प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को तार-तार किया जा रहा है।
इसके साथ ही संयुक्त रूप से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वैंâपेन सांग में ‘जय भवानी’ हटाने को लेकर चुनाव आयोग के नोटिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के लैवल प्लेइंग फील्ड के दावे भाजपा की तरह खोखले हैं। देश में एक ही पार्टी को कुछ भी कहने और बोलने की छूट है। उपस्थित सभी नेताओं ने भारतीय चुनाव आयोग से इस तरह की हेट स्पीच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इस मौके पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रदेश प्रमुख मनीष साहनी, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सफीर चौधरी, प्रसिद्ध पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मीर शाहिद सलीम, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता निर्मल महाना, राजनीतिक कार्यकर्ता अल्ताफ हुसैन शाह, अमरीक सिंह सासन, कुलदीप सिंह सिख विश्लेषक और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।