हमेशा लगने वाले जाम से लोग परेशान
राजेश तिवारी / ठाणे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी कल्याण-शील रोड का कार्य अभी तक पूरा नहीं होने के कारण लोग परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर से मुंबई, नई मुंबई, ठाणे और पनवेल आदि क्षेत्रों में जाने के लिए नागरिकों द्वारा कल्याण-शील फाटा रोड का ही उपयोग किया जाता हैं, जिससे इस रोड पर सुबह और शाम दोनोें समय जाम लगा रहता है। इस क्षेत्र के नागरिकों को लुभाने के लिए विभिन्न प्रकार का झूठा वादा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगी नेताओं द्वारा किया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी इस कल्याण-शील रोड का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव २०१९ के पहले से शुरू इस रोड के चौड़ीकरण का काम अभी तक करीब ७५ज्ञ् ही हुआ है जबकि प्रशासन द्वारा ८५ज्ञ् तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है। कल्याण नाका से लेकर कल्याण के पत्री पुल तक इस रोड के दोनों तरफ अभी तक काफी काम बाकी है और एक्सपेरिया मॉल के पास बन रहे फ्लाई ओवर ब्रिज का काम भी अधूरा है, जिससे कल्याण-शील रोड पर जाम लगा रहता है। अभी तक इस रोड का काम पूरा होने की डेडलाइन बार-बार बदल रही है।
कल्याण-तलोजा मेट्रो लाइन २०२७ के अंत तक कैसे करेंगे पूरा?
इसी के साथ लोकसभा चुनाव २०२४ को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पुत्र श्रीकांत शिंदे की जीत को सुनिश्चित करने हेतु कल्याण, डोंबिवली, तलोजा मेट्रो रेल (मेट्रो लाइन १२) का उद्घाटन आदर्श आचार संहिता लागू होने से पूर्व कर दिया और मेट्रो रेल का कार्य करने के लिए साल २०२७ के अंत तक का वादा किया है। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पुत्र मोह में कुछ भी वादा कर रहे हैं, जो समय से पूरा होने वाला नहीं है।
डोंबिवली के रहने वाले अक्षय उबाले ने कहा कि लोकसभा चुनाव २०१९ में कल्याण-शील रोड के चौड़ीकरण का काम मार्च २०२२ तक पूरा करने का वादा किए थे, जो अप्रैल २०२४ तक पूरा नहीं हुआ है तो २०२७ के अंत तक कल्याण तलोजा मेट्रो रेल का काम पूरा करना भी झूठा वादा है।