सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मणिपुर में दूसरे चरण की वोटिंग के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से हैरान कर देने वाले आरोप लगाए गए हैं। कांग्रेस का कहना है कि कई मतदान केंद्रों पर गंभीर अनियमितताएं देखने को मिलीं। वोटिंग के दौरान ईवीएम में तोड़-फोड़ की गई और इस दौरान जबरन मतदान कराया गया था, जिसके बाद कांग्रेस की तरफ से दोबारा वोटिंग कराने की मांग की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस सिलसिले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आरोप लगाया कि कई मतदान केंद्र पर गंभीर अनियमितताएं देखने को मिलीं। विशेष रूप से शिंगकैप में ईवीएम मशीनों को नष्ट किया गया। इसके अलावा बूथ पर कब्जा और धांधली की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों को उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोका गया। कांग्रेस का आरोप है कि ऐसी ही गड़बड़ी उखरुल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज की गई, वहां तीन मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों को नष्ट कर दिया गया, साथ ही उखरूल विधानसभा क्षेत्र के सत्रह मतदान केंद्रों पर बूथ पर कब्जा और मतदान में धांधली तथा जबरन मतदान की घटनाएं भी सामने आई हैं। कांग्रेस के आरोप पर मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से जो आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच की जा रही है।
उग्रवादियों के हमले में दो जवानों की मौत
लोकसभा चुनाव के बीच मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, विष्णुपुर जिले में सुरक्षा बलों के एक शिविर पर उग्रवादियों ने बम फेंका और गोलीबारी की। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो जवानों की मौत हो गई और दो अन्य जवान घायल हो गए। इस बारे में संबंधित अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने शिविर को निशाना बनाकर पहाड़ी की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी रात करीब साढ़े १२ बजे शुरू हुई और देर रात लगभग सवा दो बजे तक जारी रही। आतंकवादियों ने बम भी फेंके।