सामना संवाददाता / मुंबई
राज्यभर में पारा ४० के पार पहुंच गया है। ऐसे में भीषण गर्मी के कारण मुंबई को जलापूर्ति करनेवाले जलाशय तेजी से सूख रहे हैं, इससे टेंशन बढ़ता जा रहा है। मुंबई को पानी की आपूर्ति करनेवाले सात जलाशयों में फिलहाल सिर्फ २० फीसदी पानी बचा है और पिछले साल की तुलना में यह करीब सात फीसदी कम है। इसी में मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिन इसी तरह ‘गर्मी’ जैसे हालात बने रहेंगे, जिसके चलते मुंबई में १० से १५ फीसदी पानी की कमी का संकट पैदा हो गया है।
मुंबई को मनपा की सात जलाशयों अपर वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी से प्रतिदिन ३,८५० मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। मुंबई को सालभर पानी की आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक अक्टूबर को १४,४७,३६३ मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसके अनुसार, वर्षभर की जलापूर्ति की योजना बनाई जाती है। हर साल १७ अक्टूबर तक मानसून की बारिश होती है, लेकिन इस साल २९ सितंबर तक बारिश बंद हो गई थी। इसके कारण हर साल मिलनेवाला ५ से ७ फीसदी अतिरिक्त पानी इस साल नहीं मिल पाया है, लेकिन एक अक्टूबर से पानी का उपयोग जारी रहा। इसके चलते मनपा प्रशासन ने सफाई दी कि इस साल पानी की कमी देखी जा रही है। इस साल पानी का भंडार खत्म होने के कारण मनपा ने अपर वैतरणा जलाशय से ९३ हजार ५०० मिलियन लीटर और भातसा जलाशय से १ लाख ३७ हजार मिलियन लीटर रिजर्व पानी की मांग की थी, चूंकि इसे राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है इसलिए मुंबई की जल आपूर्ति वर्तमान में रिजर्व कोटा पर निर्भर है। वर्तमान में उपलब्ध पानी जुलाई तक पर्याप्त भले ही प्रतीत हो रहा हो, लेकिन हालात ऐसे ही रहे तो संभावना है कि जल भंडारण १० प्रतिशत से नीचे जाने पर पानी में कटौती की जाएगी।
उपलब्ध जल भंडारण
(एमएलडी में)
अपर वैतरणा – ४४,५६८
मोडक सागर – ३२,१९४
तानसा – ५२,८१४
मध्य वैतरणा – १८,०३९
भातसा – १,३३,६८५
विहार – ९,१७४
तुलसी – ३,०७८