नागमणि पांडेय / मुंबई
चॉकलेट देने के बहाने मासूम बच्चों की किडनैप कर बेचे जाने का खुलासा मुंबई क्राइम ब्रांच ने किया है। इस गिरोह में नर्सिंग होम में काम करने वाली महिलाएं शामिल थीं। इस मामले में पुलिस ने एक डॉक्टर समेत ७ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, गिरोह अब तक १४ बच्चों का अपहरण कर उन्हें बेच चुका है। इन बच्चों को उन्होंने कहां से किडनैप किया और आगे किन लोगों की मदद से बेचा, इन सभी बातों का पता लगाया जा रहा है। विक्रोली के कन्नमवार नगर में रहने वाली एक महिला का पांच महीने का बच्चा १३ दिसंबर २०२२ को गायब हो गया था। इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि इस बच्चे को गोवंडी में रहने वाली शीतल वारे नामकी एक महिला ने चोरी कर बेचा है। जिसके आधार पर पुलिस ने शीतल वारे को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में एजेंटों और कई डॉक्टरों के नाम सामने आए। जांच में पुलिस ने बेचे गए दो बच्चों को अपने कब्जे में लिया।
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तक फैला है जाल
पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है कि बच्चों की डिमांड तेलंगाना और हैदराबाद से आई थी, जिसके बाद गिरोह के सदस्यों ने बच्चों को मुंबई से किडनैप कर वहां पहुंचाया है। मुंबई पुलिस के अनुसार, फर्टिलिटी सेंटरों में काम करने वाली महिलाओं की मदद से यह रैकेट चलाया जा रहा था। वे बच्चों को आगे गिरोह के हवाले कर देती थीं।
२ बच्चों को बचाया गया सुरक्षित
पुलिस के अनुसार, अभी तक बेचे गए बच्चों में ११ लड़के और ३ लड़कियां शामिल हैं। बेचे गए बच्चों में ५ दिन के बच्चे से लेकर ९ साल तक के बच्चे हैं। इस पूरे मामले में पुलिस उपायुक्त रागसुधा ने कहा कि ये गिरोह फर्टिलिटी सेंटरों में काम करने वाली महिलाओं की मदद से चलाया जा रहा था। पुलिस २ बच्चों को सुरक्षित बचाने में सफल रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। फिलहाल, पुलिस इस गिरोह से ओर भी लोगों के जुड़े होने की संभावना जताई है।