सामना संवाददाता / लखनऊ
भाजपा राज में एक बार फिर तानाशाही देखने को मिली। उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक निर्दलीय प्रत्याशी कलेक्ट्रेट में नामांकन पत्र दाखिल कर डफली बजाकर निकल रहा था। यह देख डीएसपी सतेंद्र तिवारी तिलमिला गए। उन्होंने प्रत्याशी को धक्का तक दे दिया। फिर कहा, `तेरी औकात कैसे हुई यहां डफली बजाने की, एक मिनट में ठीक कर दूंगा।’ इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखने के बाद चारों ओर भाजपा की किरकिरी हो रही है। इसे देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि बीजेपी अपने तानाशाही रवैए से लोकतंत्र की खुलेआम हत्या कर रही है और देश मूकदर्शक बना हुआ है। चुनाव आयोग और सरकार बताएं कि सतेंद्र तिवारी को अभी तक सस्पेंड क्यों नहीं किया गया? एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
जानकारी के मुताबिक, सिराथू तहसील इलाके के तैबापुर शमसाबाद गांव के रहने वाले छेद्दू एक दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गुरुवार को वे अपनी ९५ साल की मां धनपतिया देवी, पत्नी उर्मिला एवं भाई व उनकी पत्नी को अपना प्रस्तावक बनाकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे। छेद्दू ने अपने गले में अपने नेम प्लेट की तख्ती और हाथ में डफली उठाई। फिर लेकर नामांकन स्थल पर आ पहुंचे थे।